नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) अपना कमबैक करने जा रहा है. इसरो आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से EOS-01 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) को दोपहर 3:02 मिनट पर लॉन्च करेगा. इस सैटेलाइट को PSLV-C49 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. ये देश के रडार इमेजिंग उपग्रह (सैटेलाइट) और नौ अन्य विदेशी उपग्रहों को लेकर जाएगा. इसके लिए 26 घंटे की उल्टी गिनती शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 02 मिनट पर शुरू हो चुकी है.


लॉन्च किए जाने वाले नौ विदेशी उपग्रहों में लिथुआनिया (1-प्रौद्योगिकी डेमन्स्ट्रेटर), लक्समबर्ग (क्लेओस स्पेस द्वारा 4 मैरीटाइम एप्लीकेशन सैटेलाइट) और यूएस (4-लेमुर मल्टी मिशन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट) शामिल हैं. ईओएस-01 अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एक एडवांस्ड सीरीज है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) लगा है, जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है.


सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत
इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है और साफ तस्वीर खींची जा सकती है. यह दिन-रात की तस्वीरें ले सकता है और निगरानी करने के साथ-साथ ही लोगों की गतिविधियों के लिए उपयोगी है. इस बार इसरो पीएसएलवी रॉकेट के डीएल वैरिएंट का इस्तेमाल करेगा, जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर मोटर्स होंगे.


इस रॉकेट वैरिएंट का इस्तेमाल पहली बार 24 जनवरी 2019 को ऑर्बिट माइक्रोसेट आर सैटेलाइट में किया गया था. पीएसएलवी एक चार स्टेज/इंजन रॉकेट है, जो ठोस और तरल ईंधन द्वारा वैकल्पिक रूप से छह बूस्टर मोटर्स के साथ संचालित किया जाता है, जो शुरुआती उड़ान के दौरान उच्च गति देने के लिए पहले चरण पर स्ट्रैप होता है. इस सैटेलाइट के लॉन्च का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर चैनलों पर देखा जा सकता है.


इसरो के सैटेलाइट मिशन पर एक नजर
कोरोना के बीच मार्च से सभी अंतरिक्ष गतिविधियों पर खासा असर पड़ा है. एजेंसी अगले महीने तक अपने नए रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) या मिनी-पीएसएलवी के बहुप्रतीक्षित परीक्षण के लिए भी तैयार है. इससे पहले इसरो ने RISAT-2BR1 को PSLV C48 के जरिये प्रक्षेपित किया था. उसके बाद, जनवरी 2020 में, GSAT-30 संचार उपग्रह को एरियन -5 वीए -251 पर लॉन्च किया गया था.


इसरो को 5 मार्च 2020 को GISAT -1 ऑनबोर्ड जीएसएलवी-एफ 10 के लॉन्च करना था, जिसे तकनीकी मुद्दों के कारण स्थगित कर दिया गया था. PSLV C49 लॉन्च के तुरंत बाद ISRO PSLV C50 के माध्यम से अपने बहुप्रतीक्षित GSAT-12R उपग्रह को लॉन्च करेगा और फिर GISAT-1 सैटेलाइट को GSLV रॉकेट के ज़रिये प्रक्षेपित किया जाएगा.


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