G20: वैश्विक वित्तीय सुधार की बहस में भारत पड़ोसियों को भी बनाएगा भागीदार, मगर पाकिस्तान को न्योता नहीं
India Pakistan Row: पहली बार दक्षिण एशिया में आयोजित हो रहे जी-20 जैसे बड़े आर्थिक महाकुंभ में शामिल होने का पाकिस्तान के पास कोई मौका नहीं होगा.
India G20 Meetings: भारत के साथ दुश्मनी और आतंकवाद ने जहां पाकिस्तान (Pakistan) की अर्थव्यवस्था को झुलसा दिया है, वहीं भारत से रिश्तों की तल्खी ने उसे कई मौकों से भी महरूम कर दिया है. ऐसा ही एक मौका हैदराबाद में भारत की पहल पर आयोजित हो रही 'ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इन्क्लूजन' का होगा.
जी-20 अध्यक्षता की कड़ी में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में सदस्य देशों के साथ ही भारत ने अपने कुछ पड़ोसी मुल्कों को भी शिरकत के लिए आमंत्रित किया है. इस आयोजन की तैयारियों पर जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि बैठक में भारत के मित्र-पड़ोसियों को आमंत्रित किया गया है, साथ ही यह संकेत भी साफ कर दिया कि पाकिस्तान इस फेहरिस्त में शामिल नहीं है.
पाकिस्तान के हाथ से चला गया मौका!
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक समेत अंतराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के कामकाज को बेहतर बनाने और विकासशील देशों की जरूरतों को माकूल बनाने जैसे मुद्दों पर बात होगी. जाहिर तौर पर गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इस बड़ी टेबल पर बैठना एक मौका हो सकता था.
बैठक में शामिल होंगे ये देश
संकेत हैं कि भारत ने हैदराबाद की इस बैठक के लिए श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, मॉरिशस और ओमान समेत कई गैर-जी20 देशों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है, लेकिन पाकिस्तान का नाम इससे बाहर रखा गया है. ऐसे में पहली बार दक्षिण एशिया में आयोजित हो रहे जी-20 जैसे बड़े आर्थिक महाकुंभ में शामिल होने का पाकिस्तान के पास कोई मौका नहीं होगा. जबकि बांग्लादेश और नेपाल जैसे छोटे देशों को भी भारत इस अवसर में भागीदार बना रहा है.
ध्यान रहे कि गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपनी सियासी जिद के चलते ही भारत से कारोबार की संभावनाओं के दरवाजे भी हमेशा बंद किए. ऐसे में जहां भारत जैसे बड़े बाजार की मौजूदगी का मालदीव, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों को फायदा मिला, वहीं पाकिस्तान के लिए मुश्किलें ही खड़ी होती रहीं.