भारत ने बालासोर में ओडिशा तट से बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का परीक्षण किया है.  रिपोर्ट के मुताबिक, यह परीक्षण सफल रहा. पृथ्वी-2 मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की तरफ से स्वेदेशी तौर पर तैयार किया गया है.


यह परमाणु संपन्न मिसाइल से सतह से सतह पर मार कर सकते हैं. एक महीने के भीतर पृथ्वी-2 का यह दूसरा मिसाइल परीक्षण है. इसी साल 20 नवंबर में ओडिशा तट से रात के वक्त इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था. 350 किलोमीटर रेंज की मारक क्षमता वाले मिसाइल का नाइट ट्रायल लाउंच कॉम्पैक्स-3 से मोबाइल लाउंचर से 7pm से 7.15pm के बीच किया गया था.


इसके बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया था कि 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली इस मिसाइल को आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से एक मोबाइल लॉन्चर से दागा गया. परीक्षण को नियमित अभ्यास करार देते हुए उन्होंने कहा कि मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर रडारों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली और टेलीमेट्री केंद्रों से नजर रखी गई जिसने सभी मानकों को प्राप्त कर लिया.


 प्रोडक्शन स्टॉक से रेंडमली इस मिसाइल को परीक्षण के लिए चुना गया और इसके परीक्षण की पूरी गतिविधियां सेना के स्ट्रेटजिक फोर्स कमांड (एसएफसी) के द्वारा की गई जबकि इसकी निगरानी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने की.


पृथ्वी-2 500 से 1,000 किलोग्राम भार तक के हथियारों को लेकर जाने में सक्षम है. सतह से सतह पर साढ़े तीन सौ किलोमीटर मार करने वाली इस मिसाइल में तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं. इसे तरल और ठोस दोनों तरह क ईंधन से संचालित किया जाता है.