Aatmnirbhar Bharat : केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत को बनाने में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने सभी मोबाइल कंपनियों से कहा है कि साल 2023 तक अपना खुद का लोकेशन सिस्टम नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NAVIK) डेवलप करना है. इसके बाद देश में सभी स्मार्टफोन में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के बदले नाविक सुविधा लैस रहेगी. इसके लिए सरकार ने साल 2006 में 17.4 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. इसरो के द्वारा इसे विकसित किया  जा रहा है. 


 
अब तक देश में सभी स्मार्टफोन में अमेरिकी जीपीएस के माध्यम से लोकेशन का पता चलता है. हालांकि मोबाइल कंपनियां इसे साल 2025 तक लागू करना चाहती हैं.


अर्थव्यवस्था होगी मजबूत 

 

सरकार का मानना है कि स्वदेशी होने के कारण नाविक भारत में बेहतर पथ- प्रदर्शन कर सकता है. इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान होगी. मोबाइल कंपनियों के निर्माता और सरकार के बीच अगस्त- सितंबर महीने में कई बैठकें हुई हैं. इन कंपनियों में शाओमी और सैमसंग भी शामिल हैं.

 

मोबाइल कंपनियों के साथ हो चुकी है सरकार की बैठक 

 

देशभर में इन्हीं दो कंपनियों के सबसे ज्यादा मोबाइल फोन बिकते हैं. इनका मार्केट शेयर लगभग 38 फीसदी है. देश में मात्र 3 फीसदी मार्केट शेयर रखने वाली अमेरिकी कंपनी एप्पल ने भी अपने प्रतिनिधि को इन बैठकों में भेजा था. गौरतलब है कि भारत में 16 फीसदी मार्केट शेयर रखने वाली रियलमी कंपनी ने अपने कोई भी प्रतिनिधि को इन बैठकों में नहीं भेजा था.


मोबाइल कंपनियां कर रही हैं बहाना 

 

सरकार के इस फैसले से सभी मोबाइल कंपनियां घबराई नजर आ रही हैं. सैमसंग, शाओमी सहित कई कंपनियों ने फोन की लागत बढ़ने की बात कही है. उन्होंने सरकार से इसके लिए 2 वर्षों का समय भी मांगा है. इसके अलावा मोबाइल निर्माता कंपनियों ने  कई अन्य तकनीकी बाधाएं भी सरकार के सामने रखी हैं. कंपनियों ने सरकार से कहा कि इस नए तकनीक (नाविक ) के चलते स्मार्टफोन के दाम भी बढ़ने की बात कही है. उनका कहना है कि अगर इसे अगले साल लागू किया गया तो कारोबारी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.


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