चीन की आक्रामकता का मिलकर जवाब देंगे भारत-अमेरिका, 'टू प्लस टू' वार्ता में दोनों के बीच बनी रणनीतिक मुद्दों पर सहमति
India-US Relations: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-यूएस चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने, स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने जैसे प्रमुख मुद्दों पर सहमत हुए हैं.
India-US 2+2 Ministerial Dialogue: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शुक्रवार (10 नवंबर) को कहा कि भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की विशेषता आपसी भरोसा है और दोनों पक्ष चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने, स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने जैसे प्रमुख मुद्दों पर तेजी से सहमत हो रहे हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में यह टिप्पणी की. यह बैठक भारत-अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता के 5वें संस्करण के समापन के तुरंत बाद हुई.
रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच 3 साल से अधिक समय से चल रहे सीमा विवाद के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सैन्य जहाजों की बढ़ती घुसपैठ पर चिंताओं के बीच आई है.
सिंह ने द्विपक्षीय वार्ता में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, ''भारत-अमेरिका रक्षा संबंध आपसी विश्वास, साझा मूल्यों और क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने में आपसी हितों की बढ़ती मान्यता की विशेषता वाली रणनीतिक साझेदारी में विकसित हुआ है.''
'भारत-अमेरिका मिलकर बना रहे सहयोग के नए रास्ते'
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका मजबूत रक्षा, औद्योगिक जुड़ाव, प्रौद्योगिकी प्रतिबंधों में ढील, समुद्री क्षेत्र में संबंधों को बढ़ावा देने और सभी क्षेत्रों में लचीली आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखकर सहयोग के नए रास्ते बना रहे हैं. वार्ता के बाद मीडिया ब्रीफिंग में, ऑस्टिन ने कहा कि दोनों पक्षों ने चीन की तरफ से उत्पन्न बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बात की.
रक्षा प्रणालियों के सह-उत्पादन करने पर ज्यादा फोकस
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिंह और ऑस्टिन ने रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. इसमें कहा गया है, ''रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने और दोनों पक्षों के रक्षा उद्योगों को सहयोगात्मक रूप से सह-विकास और रक्षा प्रणालियों का सह-उत्पादन करने पर विशेष ध्यान दिया गया.''
'टू प्लस टू' संवाद में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन के अलावा विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शामिल थे. भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और सिंह ने किया.
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