नई दिल्ली: अमेरिका ने कहा है कि भारत के साथ '2+2 वार्ता स्थगित किए जाने के कारणों का द्विपक्षीय संबंधों से कोई लेना-देना नहीं है. अमेरिकी दूतावास ने यहां एक बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी ट्रंप प्रशासन की एक अहम रणनीतिक प्राथमिकता है और वह भारत के साथ मजबूत संबंध के लिए कटिबद्ध है.


गौरतलब है कि अमेरिका ने कल भारत को इस बात से अवगत कराया था कि इसने अगले हफ्ते वाशिंगटन में होने वाली 2+2 वार्ता का कार्यक्रम अपरिहार्य कारणों के चलते स्थगित कर दिया है. अमेरिकी वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि वार्ता के बारे में दोनों पक्ष मिलकर उपयुक्त तिथि को अंतिम रूप देंगें. यह वार्ता भारत या अमेरिका में हो सकती है.


उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध काफी प्रगाढ़ हैं और इस बात का संकेत देने के लिये कुछ भी नहीं है कि वार्ता को स्थगित किये जाने से दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचा है. गौरतलब है कि मीडिया का एक हिस्सा वार्ता को अचानक स्थगित किये जाने को दोनों देशों के रिश्तों में पहले जैसी गर्माहट नहीं रहने के तौर पर पेश कर रहा है.


अमेरिकी दूतावास ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री माइकल आर पोम्पिओ ने छह जुलाई की निर्धारित 2+2 वार्ता स्थगित करने पर अफसोस प्रकट करने के लिए कल रात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात की थी. वार्ता कार्यक्रम में बदलाव के कारणों का द्विपक्षीय संबंधों से बिल्कुल कोई लेना-देना नहीं है. ’’


बाद में, यहां अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि दोनों देश जब प्रथम 2+2 वार्ता करेंगे, तब भारत -अमेरिका का संबंध एक नये मुकाम पर पहुंच जाएगा. हेली ने कहा कि वार्ता में देर का भारत से कोई लेना देना नहीं हैं. अब समय और स्थान को फिर से निर्धारित किया जा रहा है.


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पोम्पिओ और अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ वार्ता के लिए अमेरिका जाने वाली थीं. दूतावास ने कहा कि विदेश मंत्री पोम्पिओ और सुषमा वार्ता का कार्यक्रम यथाशीघ्र फिर तय करने पर राजी हुए हैं. उसने कहा, ‘‘अमेरिका-भारत साझेदारी ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ी रणनीतिक प्राथमिकता है. अमेरिका भारत के साथ दृढ संबंध के लिए कटिबद्ध है. ’’


इस नई वार्ता प्रारुप पर जून, 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी थी. दोनों देशों ने कई बार इस वार्ता का कार्यक्रम तय करने का प्रयास किया एवं कई तारीखों पर विचार भी हुआ. इसी साल पहले भी 2+2 वार्ता पोम्पिओ की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नये विदेश मंत्री के रुप में पुष्टि में अनिश्चितता को लेकर स्थगित हुई थी. पोम्पिओ के नाम की पुष्टि बाद में अप्रैल में हुई.


इस वार्ता को दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को ऊंचा उठाने के एक माध्यम के रुप में देखा जा रहा है. बैठक के रणनीतिक, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूती प्रदान करने पर केंद्रित होने की उम्मीद थी.