नई दिल्लीः भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार हुई बातचीत के दौरान एक अदृश्य किरदार पूरे समय मौजूद था. दोनों देशों ने 'साझा चुनौतियों' से मुकाबले के लिए सेनाओं के बीच तालमेल से लेकर सूचनाओं की साझेदारी और सक्रिय सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया. अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन के आने का बाद भारत के साथ सीधे संवाद की कड़ी में भारत आए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया. वहीं ऑस्टिन ने भारत को अमेरिका की हिन्द-प्रशांत के लिए रणनीति का मुख्य स्तम्भ है.


अमेरिकी रक्षा मंत्री की मेजबानी कर रहे भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्ष भारत-अमेरिका समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की पूरी सम्भवनाओं का इस्तेमाल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. द्विपक्षीय रक्षा संवाद के बाद उन्होंने बताया कि अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड, सेंट्रल कमांड और अफ्रीका कमांड के साथ तालमेल बढाया जाएगा. भारत और अमेरिका के बीच साझा सैन्य युद्धाभ्यास और बहुपक्षीय सैनिक अभ्यास में भागीदारी बढ़ाने पर भी रज़ामंदी हुई है.


क्वाड के परचम तले हुई नेताओं की पहली बैठक का हवाला देते हुए कहा कि मुक्त, अबाध, समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के लिए हम संकल्पित हैं . इसके अलावा तेल रिसाव, पर्यावरण विपदा, नशीले पदार्थों की तस्करी और अनियंत्रित मछुवारों की समस्या से निपटने में सहयोग करेंगे. दोनों मुल्कों के बीच नई तकनीकों, सायबर सुरक्षा जैसे मोर्चों पर भी आपसी साझेदारी बढाने का फैसला किया गया .


एशियाई मोहल्ले में जापान, कोरिया का दौरा कर भारत पहुंचे लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि मैं बाइडन-हैरिस प्रशासन की तरफ से अमेरिका के साझेदारों के साथ हमारे मजबूत सहयोग के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता का संदेश लेकर आया हूं. बदलते हुए वैश्विक हालात में भारत की अहमियत और भी बढ़ रही है. ऑस्टिन ने बताया कि वार्ता के दौरान भारत-अमेरिका रक्षा और रणनीतिक सम्बन्ध को अगले स्तर पर ले जाने को लेकर भी बात हुई.


भारत दौरे पर आए लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री से मिलने के बाद विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर से मुलाकात की. वहीं शुक्रवार शाम ऑस्टिन प्रधानममंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की.


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