Eric Garcetti On India US Relation: प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की हाल के अमेरिकी राजकीय दौरे के बाद संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (यूएसए) के भारत में राजदूत एरिक गार्सेटी का बयान सामने आया है. उन्होंने बुधवार (28 जून) को कहा कि भारत-अमेरिका की साझेदारी न केवल दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभाकारी होंगे.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत में अमेरिकी राजदूत ने कहा, “मैंने दुनिया के दो महान लोकतंत्रों के बीच संबंधों का एक अविश्वसनीय उत्सव देखा.. मैंने परिवर्तनकारी मित्रता की शक्ति देखी. जैसा कि पीएम मोदी ने कहा, हमारे सहयोग का दायरा अनंत है और हमारे संबंधों की केमिस्ट्री सहज है.”


‘भारत में सपने हकीकत बनते हैं’


एरिक गर्सेटी ने आगे कहा, “भारत एक ऐसी जगह है जहां सपने हर दिन हकीकत बनते हैं. हमारे देश और भारत में बहुत कुछ समान है. भारतीय सपने और अमेरिकी सपने एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.. चाय बेचने वाला एक युवा लड़का वैश्विक मंच पर भारत का नेतृत्व करता है और एक संथाली शिक्षक राष्ट्रपति बनती है.”


भारत और अमेरिका के रिश्तों पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अमेरिका के साथ अधिक सैन्य अभ्यास करता है. अब समय आ गया है कि हम अपने दृष्टिकोण को दोबारा आकार दें और इसे रीसेट करें और फिर इसे वास्तविक बनाएं. जब हम शांति के लिए एक साथ काम करते हैं तो अमेरिका और भारत बेहतर होते हैं और समृद्धि भी लाते हैं."


गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका के पास हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की शक्ति है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास असीमित अवसरों का भविष्य है.’’ उन्होंने दुनिया के दो प्रमुख लोकतंत्रों के एक साथ काम करने के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम जोर-जबरदस्ती के खिलाफ एक साथ खड़े हो सकते हैं, हम शांति के लिए एक साथ खड़े हो सकते हैं.’’


एस जयशंकर ने क्या कहा?


वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, "आज, यह एक बहुत ही ध्रुवीकृत दुनिया है और वैश्विक मंच बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण है. संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे संबंध असाधारण रूप से अच्छे हैं. मोदी जी की हाल ही में हुई अमेरिका यात्रा इतिहास में हमारी सबसे उपयोगी यात्रा रही है."


उन्होंने आगे कहा, “हम सामान्य उद्देश्यों के लिए दुनिया को आकार देने के लिए अमेरिका के साथ एक सकारात्मक क्षेत्र में चले गए हैं. यूरोप पर दिया जा रहा ध्यान उल्लेखनीय है. हमारे सामने बड़ा मुद्दा मुक्त व्यापार समझौता करना है, लेकिन हम अतीत की तुलना में अधिक आशान्वित हैं.''


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