India-US Relations: भारत-अमेरिका के बीच शनिवार को 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता हुई. दोनों देशों के बीच हुई ये 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता रक्षा और विदेश मंत्रियों के लेवल पर रही. जहां भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया. वहीं के प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शामिल रहे. इस बैठक में डिफेंस प्रोडक्शन, इजरायल-हमास जंग और चीन से निपटने को लेकर बात हुई.
पिछले कुछ सालों में दोनों ही देश कई सारे मुद्दों पर एक-दूसरे के साथ आए हैं. भारत अमेरिका से खतरनाक एमक्यू-9बी ड्रोन हासिल करने के लिए भी बात कर रहा है. 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान इस पर भी चर्चा की गई. इसके अलावा भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद बिगड़े संबंध भी बातचीत की टेबल तक आए. ऐसे में आइए आपको उन पांच प्रमुखों मुद्दों के बारे में बताते हैं, जिन पर बातचीत की गई है.
भारत-अमेरिका बनाएंगे लड़ाकू विमान
'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारत-अमेरिका के बीच हथियारों के सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की गई. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि भारत-अमेरिका डिफेंस इंडस्ट्रीज पार्टनरशिप के तहत लड़ाकू विमानों को मिलकर बनाएंगे. उन्होंने बताया कि बख्तरबंद वाहनों के प्रोडक्शन पर काम चल रहा है. ये बेहद अहम है. भारत के अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन खरीददारी पर ऑस्टिन ने कहा कि इसका ऐलान सही समय पर कर दिया जाएगा.
कनाडा पर मैटर किया क्लियर
भारत ने कनाडा संग चल रहे राजनयिक विवाद से अमेरिका को बैठक के दौरान अवगत कराया. भारत ने अपनी चिंताएं भी बताईं. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि हमने अपनी चिंताओं को साफ कर दिया है. हमारी मुख्य चिंता सुरक्षा को लेकर है. सभी को गुरपतवंत सिंह पन्नू के वीडियो के बारे में मालूम है, जो बहुत ही गंभीर सुरक्षा चिंता पैदा कर रहा है. अमेरिका ने कहा कि भारत और कनाडा को सहयोगात्मक तरीके से इस मतभेद को सुलझाने का रास्ता खोजना चाहिए.
चीन की चुनौती पर क्या रणनीति बनी?
टू प्लस टू बैठक के बाद चीन को लेकर भी रणनीति बनाई गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत-अमेरिका चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने, मुक्त हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने सहित रणनीतिक मुद्दों पर सहते हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा कि डिफेंस इंडस्ट्री पार्टनरशिप को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत-अमेरिका का रिश्ता सिर्फ चीन के बारे में नहीं है. ये कई चीजों पर आधारित है.
इजरायल-हमास जंग पर क्या बोले दोनों देश?
नई दिल्ली में हुई इस बैठक के दौरान इजरायल-हमास जंग पर भी बात की गई. भारत के जरिए 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले की निंदा करते हुए नई दिल्ली की तरफ से बयान जारी किया. अमेरिका ने इसकी तारीफ की है. अमेरिका ने कहा है कि भारत-अमेरिका दोनों ही देश इजरायल के साथ खड़े हैं. वहीं, भारत ने भी इस बैठख में फिलिस्तीन की स्थापना के लिए बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की. भारत ने ये भी कहा कि मध्य पूर्व के हालात चिंता का विषय हैं.
डिफेंस सेक्टर को बताया अहम
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-अमेरिका के संबंधों में डिफेंस सेक्टर सबसे अहम है. आजाद हिंद प्रशांत साझेदारी के लिए इसे बेहद अहम कहा जा सकता है. डिफेंस सेक्टर के तहत ही दोनों देशों के बीच कई तरह के हथियारों को लेकर बात हुई है. इस सेक्टर में जुड़ाव को लेकर ही स्ट्राइकर नाम के बख्तरबंद वाहनों को तैयार करने पर सहमति बनी है.
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