देश में कोरोना संक्रमण की बेकाबू होती हुई रफ्तार को देखते हुए भारत में कोविड वैक्सीन के उत्पादन को अगस्त तक दोगुना से भी अधिक यानि 140 मिलियन तक किया जा सकता है. भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग और सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अधिकारियों ने प्रधाममंत्री को दिए एक प्रेजेंटेशन में ये जानकारी दी है.
सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक मिलकर कर सकते हैं लक्ष्य पूरा
अधिकारियों ने दावा किया कि वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में सरकार के सहयोग से सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक मिलकर इस लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं. वर्तमान में पूना स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया एक माह में कोविशील्ड के 60 मिलियन डोज बना रहा है, जबकि भारत बायोटेक 4 मिलियन कोवैक्सीन का उत्पादन कर रहा है. इस वक्त पूरा देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चपेट में है. रोजाना सामने आने वाले नए संक्रमित मरीजों की संख्या हाल ही में 1 लाख के आंकडे को छू चुकी है. महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक का ये सबसे बड़ा आंकडा है. देश में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर बने हालात और राज्यों में में टीकाकरण अभियान की स्थिति को लेकर प्रधाममंत्री गुरूवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे.
महाराष्ट्र सरकार का बॉटलिंग प्लांट इस्तेमाल कर सकते हैं वैक्सीन निर्माता
पूणे स्थित सीरम इंट्टीट्यूट ने फरवरी तक एक माह में 100 मिलियन वैक्सीन बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वह 60 मिलियन डोज ही बना पा रहा है. पूरे देश में हो रहे कोविड संक्रमण के आधे से ज्यादा प्रकरण महाराष्ट्र से आ रहे हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने पेशकश की है कि यदि भारत बायोटेक वैक्सीन बनाने की तकनीक राज्य सरकार के स्वामित्व वाली हैफकिन बायो फार्मासिटिकल्स से साझा करता है तो ये कंपनी वैक्सीन का निर्माण कर सकती है. इसके अलावा राज्य सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनी को उसके बॉटलिंग प्लांट के इस्तेमाल की पेशकश भी की है.
भारतीय कंपनी डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरिज द्वारा बनाई जाने वाली वैक्सीन भी लगभग फाइनल अप्रूवल के प्रोसेस में है. रूस के सहयोग से स्पूतनिक-वी नाम की वैक्सीन बनाने वाली इस कंपनी को अपने उत्पाद के संबंध में ज्यादा जानकारी देने को कहा गया है.
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