'अगर हिम्मत है तो नाम बदल कर दिखाएं', इंडिया Vs भारत की डिबेट पर भड़के जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला
Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने इंडिया बनाम भारत की डिबेट को बेनामी बताते हुए पूछा कि क्या उनके पास संविधान संशोधन करने की ताकत है?
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India Vs Bharat Debate: इंडिया बनाम भारत की डिबेट में अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला भी कूद पड़े हैं. उन्होंने चैलेंज किया, 'अगर बीजेपी में या प्रधानमंत्री में हिम्मत है तो वह इस देश का नाम बदलकर दिखाएं. संविधान में संशोधन करना इतना आसान नहीं है, मैं देखता हूं कि इनके साथ कौन आता है.'
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, क्या इनके पास संसद में दो तिहाई बहुमत है? अगर है तो नाम बदल कर दिखाएं. मुल्क का नाम बदलना कोई मामूली बात नहीं है. अगर उनमें इतनी हिम्मत है तो लाइए, हम भी देखें कि कौन इसमें आपकी मदद करता है. जहां तक संविधान को पढ़ें तो वहां शुरुआत में ही लिखा है कि इंडिया दैट इज भारत जोकि राज्यों का संघ है.
#WATCH | On the India/Bharat debate, National Conference leader Omar Abdullah says "Nobody can change it... It is not so easy to change the name of the country. To do this, you will have to change the Constitution of the country. If you have the guts, then do it, we will also see… pic.twitter.com/ogKZ6VkAAN
— ANI (@ANI) September 8, 2023
क्यों शुरू हुआ भारत बनाम इंडिया का विवाद?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भेजे गए जी20 रात्रिभोज के निमंत्रण में उनका पद प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे जाने पर विवाद खड़ा हो गया. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम से इंडिया हटाकर सिर्फ भारत को बनाये रखने की योजना बना रहे हैं. इससे पहले राष्ट्रीय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी लोगों से अपील की थी कि लोगों को इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए.
सामने लाए जा रहे हैं भावनात्मक मुद्दे
इंडिया-भारत नाम विवाद के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भावनात्मक मुद्दे सामने लाए जा रहे हैं. सिद्धरमैया ने तुमकुरु जिले के मधुगिरि में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देश का संविधान 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था. तब से देश को ‘इंडिया’ के नाम से जाना जाता है.
मुख्यमंत्री ने पूछा कि अब देश का नाम बदलने की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा, 'संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है 'वी द सिटिजंस ऑफ इंडिया'. भारत का नाम बदलने की कोई जरूरत नहीं है. चुनाव से पहले भावनात्मक मुद्दे सामने लाए जा रहे हैं.'
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