India vs Corona Conclave 2.0: संकट की घड़ी में सबको साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे-जायडस वेलनेस
India vs Corona Conclave 2.0: एबीपी न्यूज के कॉरपोरेट कॉनक्लेव में जायडस वेलनेस के सीईओ तरुण अरोड़ा ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम सबको साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस कोरोना महामारी से हमने ये सीखा है कि बाहरी स्थितियों को हम कंट्रोल नहीं कर सकते लेकिन उसका हम कैसे जवाब देते हैं, वो अहम है
कोरोना के खिलाफ जंग में पूरा देश एकजुट है और इस संकट की घड़ी में कॉर्पोरेट जगत भी पूरा साथ दे रहा है और अहम भूमिका निभा रहा है. जायडस वेलनेस कंपनी ने भी महामारी के इस दौर में जरूरतमंदों की हर संभव मदद करने की कोशिश की है इसके साथ ही कंपनी ने अपने स्टाफ का भी पूरा ध्यान रखा है.
एबीपी न्यूज का कॉरपोरेट ई कॉनक्लेव
इस बारे में एबीपी न्यूज ने कॉरपोरेट कॉनक्लेव का आयोजन किया है और इसमें देश की बड़ी कंपनियां और कॉरपोरेट के शीर्षाधिकारियों से लगातार चर्चा कर रहा है. इसी कड़ी में जायडस वेलनेस के सीईओ तरुण अरोड़ा ने एबीपी न्यूज से बात की और कहा कि संकट की इस घड़ी में हम सबको साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं.
संकट की घड़ी में सबको साथ लेकर चलने की कर रहे हैं कोशिश
तरुण अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ समय में जो देश और दुनिया ने देखा उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. इस समय में हमें खुद को भी बचाना था और काफी ऐसे लोग भी थे जो हमसे जुड़े थे. हमने महसूस किया कि अगर कंपनी को आगे बढ़ाना है तो खुद के साथ साथ सभी को सुरक्षित करना पड़ेगा.
तरुण अरोड़ा ने आगे कहा कि हमारे कई आवश्यक प्रोडक्ट हैं जिनके लिए हमें काम करना जरूरी था. हमने इसके लिए दो तीन स्तर पर काम किया. हमने अपने कर्मचारियों को आर्थिक मदद की, इसके साथ हमने उन्हें सुरक्षा किट भी मुहैया कराई. इसके साथ ही हमने प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया. हमने किसानों से दूध लेना बंद नहीं किया क्योंकि वो हम पर निर्भर थे. हमारी कंपनी लोगों को सेफ्टी किट पहुंचाई. इतना ही नहीं कंपनी ने 300 शहरों में ग्लूकॉन डी फ्री में सप्लाई किया. बता दें कि जायडस ने लाइसेंस लेकर रेमडिसिविर का इंजेक्शन भी बनाया.
कर्मचारियों की हर तरह से मदद की कोशिश की
उन्होंने कहा कि हमारा बिजनेस तभी है जब लोग हैं. हमारा स्टाफ हमारे लिए बेहद अहम हैं. हमने पिछले लॉकडाउन में भी कर्मचारियो के इंक्रीमेंट नहीं रोके और नॉर्मल इंक्रीमेंट किए. इस साल भी हमने कर्मचारियो के बोनस या कोई अन्य अलाउंस नहीं रोके. हमने ये भरोसा दिया कि कंपनी इस संकट की घड़ी में कर्मचारियो की जीविका बिल्कुल नहीं रोकेगी. कंपनी ने खर्च में कटौती के लिए दूसरे उपायों पर काम किया. कंपनी ने सबसे पहले अपने स्टाफ की जीविका को सुरक्षित किया. इसके साथ ही कंपनी ने अपने स्टाफ को कोरोना संक्रमित होने पर या उसके परिवार के किसी सदस्य के कोविड पॉजिटिव होने पर कई तरह से सपोर्ट किया. इसमें अगर किसी स्टाफ को छुट्टी चाहिए थी तो उन्हें वो दी गई ताकि वे पूरी तरह स्वस्थ होकर काम करें. इसके साथ ही कंपनी ने स्टाफ की मेडिसन से लेकर डॉक्टरी परामर्श तक दिलाने में पूरी मदद की. इतना ही नहीं कंपनी ने अपने स्टाफ के इंश्योरेंस में भी इजाफा किया है. कंपनी ने मृतक कर्मचारी के परिवार की मदद के लिए भी कई पहल की है.
उन्होंने कहा कि इस कोरोना महामारी से हमने ये सीखा है कि बाहरी स्थितियों को हम कंट्रोल नहीं कर सकते लेकिन उसका हम कैसे जवाब देते हैं, वो अहम है. अंत में मेरा मानना है कि हम एक देश के रूप में, एक व्यक्ति के रूप में इससे जीत जाएंगे लेकिन हम कैसे इसका अच्छे से सामना कर रहे हैं, उस पर बहुत कुछ निर्भर रहेगा.
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