देश में लगातार कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के चलते स्थिति बेहद भयावह बन हुई है. एक तरफ जहां कोरोना के रोजाना केस बढ़ रहे हैं तो वहीं मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में कोरोना की दूसरी खौफनाक लहर की चुनौतियां का सामना कर रहे लोगों को तीसरी लहर का डर सता रहा है. लगातार कोरोना की गिरफ्त में आने के चलते इसको लेकर लोगों में इस वक्त कई तरह के जेहन में सवाल आ रहे हैं.


'पहले दूसरी लहर की चुनौतियों से निपटें'


डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने कहा कि अगर कोरोना कोई म्यूटेट करता है तो हमें वैक्सीन में बदलाव करना होगा. उन्होने कहा कि इस वक्त हम दूसरी लहर की चुनौतियों से जूझ रहे हैं. ऐसे में इस समय तीसरी चुनौतियों के बारे में सोचना बेकार है. उन्होने कहा कि फिलहाल अभी जोरशोर से लड़ना चाहिए.


एम्स के डायरेक्टर संजय राय ने कहा कि इस तरह के वायरस में म्युटेशन होते रहते हैं, लेकिन उसे समय से पता करना जरूरी है. उन्होने कहा कि कुछ म्युटेशन ऐसे होते हैं जो अपने आप खत्म हो जाए लेकिन कुछ काफी खतरनाक हो सकता है. ऐसे में ये सब हमें समय रहते यह पता चल जाए कि नए स्ट्रेन कितना बड़ा होगा तो उससे निपटने में सहायता मिलेगी. डॉक्टर संजय ने आगे कहा कि यह बात सामने आ रही है कि वैक्सीन लगने से गंभीरता का खतरा नहीं रहता है, लेकिन वे कोरोना संक्रमण की जद में जरूर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में संपूर्ण लॉकडाउन की कोई जरूरत नहीं है.


'वीकेंड लॉकडाउन का ऐलान गलत'


दूसरी ओर, आईसीएमआर के वीरोलोजी के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने कहा कि हमें पहले की बातों को छोड़कर ये देखना होगा कि अभी कैसे इससे लड़ाई करूं.  उन्होंने कहा कि पहले वेव के दौरान लॉकडाउन किया गया और कोरोना के प्रसार की रोकथाम की गई. उसका काफी फायदा मिला था कोरोना प्रसार को रोकने में. गंगाखेडकर ने कहा कि आज आजीविका का भी सवाल है, ऐसे में शनिवार और ओर रविवार को लॉकडाउन को बंद करने का ऐलान गलत है. उन्होंने कहा कि इसकी बजाय जहां पर कोरोना के ज्यादा मामले हैं, उन इलाकों को कंटेनमेंट बनाया जाए.


'अपने पीक के आसपास है कोरोना संक्रमण'


आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिन्द्रा अग्रवाल ने कहा कि इस वक्त जो कोरोना के केस आ रहे हैं उससे यह पता चलता है कि इस वक्त हम कोरोना संक्रमण के पीक यानी उच्चतम के आसपास हैं. उन्होंने कहा कि इस वक्त देशव्यापी लॉकडाउन लगाने की उचित स्थिति नहीं है, क्योंकि कई जगहों पर स्थिति बेहतर है. उन्होंने कानपुर का उदाहरण दिया जहां पर सिर्फ 700 लोग आए लेकिन उसके मुकाबले कहीं ज्यादा  मरीजों को इलाज कर छुट्टी दी गई. 


'देशव्यापी लॉकडाउन की नहीं जरूरत'


जबकि, सर्जिकल ऑनकोलॉजी धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर अंशुमन कुमार ने कहा कि लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा लॉकडाउन के तीन उद्देश्य होते हैं- तैयारी करना, टेस्टिंग बढ़ाना और संक्रमण की रोकथाम करना. लेकिन एक साल हो गया और आज भी ऑक्सीजन की भारी संकट है. इसका मतलब हुआ कि एक साल में कोई तैयारी नहीं की गई. ऐसे में लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि अब जरूरत है कि मेडिकल सुविधाएं बढ़ाएं. उन्होंने कहा मेडिकल अलग सिस्टम है, उसे मेडिकल के नजरिए से देखना पड़ेगा.   


एबीपी न्यूज पर ई-कॉन्क्लेव में शुक्रवार को लगातार एक्सपर्ट इस महामारी के बारे में बता रहे थे. शाम चार बजे से  गेस्ट थे, उनका नाम है-


1- डॉक्टर संजय राय, कम्युनिटी मेडिसीन (प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर ऑफ कोवैक्सीन इन एम्स)


2-डॉक्टर रमन गंगाखेडकर, पूर्व अध्यक्ष, Virology ICMR


3-प्रोफेसर मनिन्द्रा अग्रवाल, आईआईटी कानपुर


4-डॉ. अंशुमन कुमार, (डायरेक्टर- Surgical Oncology Dharmshila Narayana Superspeciality Hospital)


देश  में आज 4 लाख 14 हजार से ज्यादा नए केस


भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी खतरनाक हो गई है. हर दिन रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में भारत में 4,14,188 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं जबकि 3,915 मरीजों की मौतें हो गई. वहीं 3 लाख 31 हजार 507 लोगों ने कोरोनो को हराया है.