India China Relations: G20 शिखर सम्मेलन खत्म होने के कुछ मिनट बाद भारत ने चीन को एक बड़ा संदेश दिया है. भारत लद्दाख के न्योमा में दुनिया का सबसे ऊंचा लड़ाकू हवाई क्षेत्र का निर्माण करेगा. इस परियोजना का शिलान्यास रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 12 सितंबर 23 को जम्मू के देवक ब्रिज से करेंगे. 


एलएसी पर चीन से लगातार चल रही तनातनी के बीच रक्षा मंत्रालय के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की ओर से पूर्वी लद्दाख में काफी महत्वपूर्ण न्योमा बेल्ट में एक नए एयरफील्ड के निर्माण में कुल 218 करोड़ रुपये की लागत आएगी. चीन को सीमा पर कड़ी टक्कर देने के लिहाज से इस एयरफील्ड के निर्माण को काफी अहम कदम माना जा रहा है.


इससे पहले राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा, "नई दिल्ली में ऐतिहासिक G20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है. प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की अध्यक्षता ने विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान बनी सहमति वैश्विक विश्वास की कमी को पूरा करने और वैश्विक विश्वास और आत्मविश्वास पैदा करने में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है."


उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'विश्व गुरु' और 'विश्व बंधु' दोनों के रूप में भारत की शक्ति का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है."






दोनों देशों के बीच तनातनी जारी


पूर्वी लद्दाख के न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का इस्तेमाल तीन साल पहले से किया जा रहा है. चीन से सीमा पर जारी तनाव के बीच इसे सैनिकों और सामग्री के परिवहन के लिए इस्तेमाल किया गया है. साल 2020 में गलवान में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी जारी है.


ये भी पढ़ें: 'हमेशा चीन समर्थक रुख रहा...', ड्रैगन के नए मैप पर राहुल गांधी के वार पर BJP का पलटवार, पंडित नेहरू का भी किया जिक्र