International Buddhist Conference: भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद के अध्यक्ष विनय शहश्रबुद्धे ने आज एलान किया है कि परिषद की ओर से हर साल विश्व के किसी एक ऐसे बौद्ध विद्वान को 20 हज़ार अमरीकी डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा, जिसने बौद्ध साहित्य में अपना किसी भी तरह का कोई विशिष्ट योगदान दिया हो.
बौद्ध साहित्य में विशिष्ट योगदान से तात्पर्य
अधिकतर बौद्ध साहित्य पालि, प्राकृत और अपभ्रंश भाषा में मौजूद हैं. बौद्ध विद्वानों को अध्ययन के लिए अक्सर इन भाषाओं का भी विद्वान होना पड़ता है. इन भाषाओं में मौजूद पुस्तकों की खोज करना, उन्हें समझा पाना, उन पर टीका लिखना, शोध करना आदि अनेकों आयाम हैं, जिनमें से किसी एक में अपना विशिष्ट योगदान देने वाले विद्वान को ये पुरस्कार दिया जाएगा.
अपनी जेब से पैसे लगा कर शोध करते रहे हैं बौद्ध अध्येता
राहुल सांस्कृत्यायन, डीडी कौशाम्बी, तिक न्यात हन्ह सहित विश्व भर में सैकड़ों ऐसे बौद्ध अध्येता हैं, जिन्होंने बेशक़ीमती बौद्ध सामग्री को बिना किसी सरकारी या ग़ैर सरकारी मदद के दुनिया के सामने रखा है. जबकि इस क्षेत्र में कम से कम एक दशक का समय, बौद्ध धर्म से सम्बंधित देशों की यात्राएं, मेहनत और संसाधन खर्च होते हैं.
पहला अन्तरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन
आईसीसीआर 19-20 नवम्बर को पहला अन्तरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन करेगा. नव नालंदा महाअभियान के अंतर्गत इसे किया जा रहा है. इसमें ‘हमारे में वांगमय में बुद्धिज़्म’ विषय पर चर्चा होगी. इस सम्मेलन से पहले जापान, कंबोडिय, कोरिया, धर्मशाला और सारनाथ सहित कई स्थानों पर सम्मेलन किए जाएंगे. ये सम्मेलन हर साल होगा.
19-20 नवम्बर को दिया जाएगा पहला बौद्ध अध्येता पुरस्कार
ये पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अध्येताओं के लिए घोषित एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है. ये पुरस्कार हर साल दिया जाएगा. इसमें 20 हज़ार अमरीकी डॉलर की राशि भी दी जाएगी. भारतीय करेंसी में ये क़रीब 15 लाख रूपये की राशि वाला पुरस्कार होगा. इसके साथ गोल्ड प्लेटेड मेडल और सम्मान पत्र भी दिया जाएगा.
आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर होगा अंतरराष्ट्रीय ऑनलाईन सम्मेलन
अगले साल, भारत की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ है, जिसके लिए ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम पूरे देश में मनाया जा रहा है और अगले वर्ष 15 अगस्त तक अलग अलग कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता रहेगा. इसी के अंतर्गत भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद ( आईसीसीआर) 15 सितम्बर को इंटरनेशनल डे ऑफ़ डेमोक्रेसी के अवसर पर “इंडिपेंडेंट इंडिया@75 : डेमोक्रेटिक ट्रेडिशन” नाम से एक अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार कर रहा है. इसमें भारतीय लोकतांत्रिक परम्पराओं की चर्चा की जाएगी. इसमें मंगोलिया के पूर्व राजनयिक, आस्ट्रेलिया के एक वर्तमान सांसद, कनाडा के एक पूर्व प्रधानमंत्री, एस गुरुमूर्ती, स्वपन दास गुप्ता आदि शामिल होंगे.
'आप काले कोट में हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आपकी जान ज्यादा कीमती है' -सुप्रीम कोर्ट