अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू और सिखों को सुरक्षित निकलने में भारत देगा मदद
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति संवेदनशील है. ऐसे में सरकार लगातार अफगानिस्तान के हालात पर नजर बनाए हुए है और सुरक्षा स्थितियों का आंकलन कर रही है.
अफगानिस्तान में लगातार खराब होते हालात के बीच भारत ने साफ किया है कि वहां मौजूद हिंदू और सिख परिवारों को सुरक्षित निकलने में अगर कोई मदद लगती है तो उसे मुहैया कराया जाएगा. अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति पर लगातार नजर के साथ ही सरकार ने साफ किया है कि फिलहाल काबुल स्थित दूतावास को बंद करने का कोई प्लान नहीं है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान से आ रही रिपोर्ट्स बताती हैं कि वहां स्थिति कितनी संवेदनशील है. ऐसे में सरकार लगातार अफगानिस्तान के हालात पर नजर बनाए हुए है और सुरक्षा स्थितियों का आंकलन कर रही है. हालांकि फिलहाल काबुल स्थित भारतीय दूतावास को बंद किए जाने संबंधी अटकलें सही नहीं है. खुफिया एजेंसी सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान में हालात के आधार पर ही फैसला लिया जाएगा. लिहाजा सुरक्षा आंकलन बदलने और काबुल में तालिबानी कब्जे की सूरत में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारतीय राजनयिक और कर्मचारी सुरक्षित निकल सकें.
राजनयिकों और स्टाफ को निकाला
वहीं कंधार और मजार-ए-शरीफ के बारे में भी पहले भारतीय राजनयिक मिशन का कामकाज जारी रखने की बात कही थी लेकिन बाद में तालिबानी कब्जे और बिगड़ते सुरक्षा हालात के मद्देनजर आंकलन बदला और महज एक महीने के भीतर दोनों वाणिज्य दूतावासों से भारतीय राजनयिकों और स्टाफ को निकाला गया है. इस बीच तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में हिंदू और सिख समुदाय के लोगों की चिंताओं पर सहमति जताते हुए विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि उन्हें सुरक्षित निकलने में मदद दी जाएगी.
भारत आने में मदद
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार ने पहले भी 380 से अधिक परिवारों को भारत आने में मदद की थी. अब भी अगर हिंदू और सिख समुदाय के लोग सुरक्षित निकलना चाहेंगे तो उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी. महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान में अब भी 30-40 सिख परिवार बताए जाते हैं. इस बीच विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में मौजूद भारतीयों के लिए जल्द से जल्द वापस देश लौटने की हिदायत को दोहराया है.
गौरतलब है कि काबुल स्थित दूतावास ने दो दिन पहले अफगानिस्तान में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकल आने के लिए चेतावनी दी है. इस कड़ी में अफगानिस्तान में जारी विकास सहायता परियोजना से जुड़ी भारतीय कंपनियों को भी व्यावसायिक उड़ानें जारी रहते अपने सभी कर्मचारियों को अफगानिस्तान से निकाल लेने के लिए भी कहा गया है. अधिकतर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बीते कुछ दिनों के दौरान अफगानिस्तान से वापस बुला भी लिया है.
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