नई दिल्ली: इस साल भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक को आयोजित करेगा. पाकिस्तान भी इसका सदस्य है. इस साल भारत में एससीओ के सदस्य देशों के प्रधानमंत्रियों की बैठक में इमरान खान को आमंत्रित किये जाने के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सभी आठ देशों और चार पर्यवेक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने कहा, ''एससीओ के स्थापित अभ्यास और प्रकिया के तहत सभी आठ सदस्य, चार ओवरसीज स्टेट्स और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों को आमंत्रित किया जाएगा.'' उन्होंने कहा कि यह अब सावर्जनिक जानकारी है कि भारत इस साल के आखिर में एससीओ परिषद के प्रमुखों की बैठक की मेजबानी करेगा. यह बैठक प्रधानमंत्री के स्तर पर हर आयोजित की जाती है और इसमें एससीओ के कार्यक्रम और बहुपक्षीय आर्थिक और व्यापार सहयोग पर चर्चा की जाती है.






ये हैं SCO के सदस्य


चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान, रूस, पाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान एससीओ के सदस्य हैं. इसके अलावा चार ओवरसीज स्टेट्स में अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया शामिल है. इसका गठन साल 2011 में हुआ था. साल 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने.


ट्रंप के भारत दौरे पर


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि महीनों से इस पर अटकलें लगाई जा रही हैं. जब पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिले थे, तो उन्होंने उन्हें भारत आमंत्रित किया था. दोनों देश इस बारे में संपर्क में हैं. जब भी हमें ठोस जानकारी मिलेगी हम आपके साथ साझा करेंगे.


कश्मीर पर चीन के कदम पर


यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा उठाने के चीन के प्रयास पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा परिषद का बहुमत के साथ विचार है कि इस तरह के मुद्दों के लिए यह सही मंच नहीं है. कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन को वैश्विक आम-सहमति के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और भविष्य में इस तरह की कार्रवाई से बचना चाहिए.