CDS On India's Growth: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शनिवार (29 अप्रैल) को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए भारत को विश्व स्तर पर स्टार्टअप के लिए तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र बताया. उन्होंने कहा, भारत 2024 तक जर्मनी को पछाड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. 


उन्होंने कहा, भारत वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप्स के लिए तीसरे सबसे बड़े पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभर रहा है और आज देश में गर्वनमेंट अप्रूव्ड 84,000 से अधिक स्टार्टअप्स मौजूद हैं. 


किस तरफ बैठेगा शक्ति संतुलन का ऊंट?
वैश्विक व्यवस्था में चल रहे बड़े बदलाव की ओर संकेत देते हुए सीडीएस ने कहा, वैश्विक स्तर पर शक्तियां अभी बिखराव से गुजर रही हैं और यही वजह है कि अभी नया वर्ल्ड ऑडर अभी तक अपने व्यवस्थित रूप में नहीं आ सका है. चौहान ने कहा, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही ट्रांस-अटलांटिक एंग्लो-सैक्सन भूमि इस समय यूक्रेन-रूस के बाद से अपना शक्ति संतुलन सांधने की कोशिश कर रही है. 


उन्होंने कहा तो वहीं मिडिल ईस्ट और साऊथ एशिया में रूस-चीन और ईरान एक दूसरे के करीब आ रहे हैं. तो ऐसे में यह कहना कठिन होगा कि शक्ति का संतुलन किस कोने पर बैठेगा.  


सीडीएस ने बताया आखिर क्यों दुनिया बढ़ा रही है डिफेंस बजट?
सीडीएस ने कहा, भारत के अभी तक दोनों शक्ति स्तंभों  पश्चिमी ताकतों और साथ ही रूस दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं जोकि वर्तमान में अभी भी शक्ति संतुलन की स्थिति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, अगर हम यूरोप और एशिया की क्षेत्रीय परिस्थितियों को स्कैन करें तो पता चलता है कि दुनिया के कई देशों में अस्थिरता और वैश्विक व्यवस्था में कुछ बड़े परिवर्तन हो रहे हैं. सीडीएस ने कहा यही वजह है कि दुनिया के अधिकांश देशों अपने रक्षा बजट में वृद्धि कर रहे हैं. 


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