Predator Drones: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले भारत ने अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स से प्रीडेटर ड्रोन्स (MQ-9B Reaper Drones) खरीदने का फैसला किया है. बीती 15 जून को रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके तहत भारत 31 ड्रोन खरीदेगा, जिसमें 15 एमक्यू-9बी सी गार्डियंस (Sea Guardians) और 16 स्काई गार्डियंस (Sky Guardians) शामिल होंगे.


समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिग्रहण प्रस्ताव को अब सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की मंजूरी लेनी होगी. ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान सरकार से सरकार के बीच होने वाले इस सौदे पर मुहर लग सकती है. फरवरी 2020 में 24 एमएच-60 आर एंटी-सबमरीन युद्धक हेलीकॉप्टर के बाद यह अमेरिका से पहली बड़ी खरीद होगी.


क्या है एमक्यू-9बी रीपर


एमक्यू-9बी रीपर या प्रीडेटर ड्रोन्स एक मानव रहित हवाई वाहन (UAV) है, जिसे अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाया है. अमेरिकी वायु सेना इसका इस्तेमाल करती है. ये एमक्यू-1 सीरीज का ड्रोन है, जिसका विकास 1990 के दशक में शुरू हुआ था. भारत जो दो ड्रोन खरीद रहा है, उनमें सी गार्डियन समुद्री निगरानी के लिए खास है जबकि स्काई गार्डियन ड्रोन का इस्तेमाल जमीनी सीमा की रखवाली के लिए किया जाएगा.


ये है क्षमता


ये ड्रोन रीयल-टाइम तस्वीरे इकट्ठा करने के साथ ही इसे विश्लेषण के लिए ग्राउंड स्टेशन पर भेज सकता है. ये एडवांस सेंसर और कैमरों से लैस है, जो इसे सैन्य अभियानों, सीमा की निगरानी और आतंकवाद के खिलाफ अभियान में बहुत अहम बना देता है. एमक्यू-9 रीपर एजीएम-144 हेलफायर मिसाइल, लेजर गाइडेड बम समेत कई प्रकार के हथियारों को ले जाने में सक्षम है. 


240 नॉट्स की स्पीड


द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी रफ्तार 240 नॉट्स ट्रू एयरस्पीड (केटीएएस) है. इसमें 1746 किलोग्राम पेलोड क्षमता है, जिसमें 1361 किलोग्राम बाहरी स्टोर शामिल हैं. इसके नाम की भी खासियत है, जिसमें 'एम' का मतलब मल्टी रोल से है, जबकि 'क्यू' का संबंध दूर से संचालित किए जाने को लेकर है, जबकि '9' का अर्थ दूर नौवीं सीरीज से है.


भारत के पास अभी दो सी गार्डियन ड्रोन हैं, जो उसने जनरल एटॉमिक्स से लीज पर लिए हैं. द्रोनों ड्रोन को तमिलनाडु में इंडियन नेवी के एयर स्टेशन आईएनएस राजालि पर तैनात किया गया है. 


तीनों सेनाओं के पास होंगे ड्रोन 


सभी 31 ड्रोन एक ट्राई-सर्विस कमांड के तहत काम करेंगे और समान रूप से वितरित नहीं किए जाएंगे. भविष्य के थियेटर कमांडर और चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख ने निर्देशन में तीन ऑपरेशनल सेंटर मिशन स्पेसिफिक रोल्स के आधार पर इसकी भूमिका तय करेंगे.


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