Beijing Olympics: चीन की चालबाजी को करारा जवाब, आज बीजिंग विंटर ओलंपिक के ओपनिंग सेरेमनी में शामिल नहीं होगा भारत
Boycott of Beijing Winter Olympics: गलवान संघर्ष में घायल हुए PLA सैनिक ची फबाओ को बीजिंग ओलंपिक में टॉर्च बियरर बनाने पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है.
Beijing Winter Olympics 2022: चीन की राजधानी बीजिंग में समर ओलंपिक्स के आयोजन के 14 साल बाद विंटर ओलंपिक गेम्स (Winter Olympic Games) का आयोजन किया जा रहा है. पूरी दुनिया की नजरें 24वें विंटर ओलिंपिक गेम्स पर होंगी. लेकिन भारत ने घोषणा की है कि चीन की राजधानी में होने वाले 2022 विंटर ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में उसके शीर्ष राजनयिक शामिल नहीं होंगे.
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की है, जो खेदजनक है. उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास प्रमुख बीजिंग ओलंपिक के न तो उद्घाटन समारोह में शरीक होंगे और ना ही समापन कार्यक्रम में भाग लेंगे.
बीजिंग में भारतीय राजनयिक 2022 बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक (4-20 फरवरी) के उद्घाटन और समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे. ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि चीन ने गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प का राजनीतिकरण किया है. चीन ने गलवान घाटी हिंसा में शामिल रहे एक सैनिक को मशालवाहक बनाया है, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है.
दूरदर्शन पर नहीं होगा ओलंपिक समारोह का प्रसारण
विदेश मंत्रालय की घोषणा के बाद प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर वेम्पति ने कहा कि दूरदर्शन का स्पोर्ट्स चैनल ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह का प्रसारण नहीं करेगा. भारत की यह कदम ऐसे समय में आया है जब दो महीने पहले उसने रूस-भारत-चीन त्रिस्तरीय ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन द्वारा बीजिंग ओलंपिक की मेजबानी का समर्थन किया था.
दरअसल, गलवान घाटी में 15 जून 2020 को संघर्ष में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Arm) के रजिमेंट कमांडर को बीजिंग में विंटर ओलंपिक के मशाल वाहक के रूप में चुना है. 15 जून 2020 को गलवान घाटी में संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया था. इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. पिछले साल फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि उसके पांच सैन्य अधिकारी एवं जवान शहीद हुए थे.
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार में बुधवार को यह दावा किया है कि गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में चीन को उससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ था, जितना कि उसने दावा किया था. साथ ही, कई चीनी सैनिक तेज धारा वाली नदी पार करते हुए अंधेरे में डूब गए थे.
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