Indian Air Force Extended Range: आसमान से समंदर में लंबी दूरी तक मार करने की दिशा में भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने एक सामरिक पड़ाव पार किया है. गुरुवार को वायुसेना के सुखोई फाइटर जेट (Sukhoi Fighter Jet) ने बंगाल की खाड़ी (Bay Of Bengal) में लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) का सफल परीक्षण किया. 


वायुसेना ने बयान जारी कर बताया कि जिस तरह से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस का समंदर में एक टारगेट तय किया गया था ठीक उसी तरह से मिसाइल ने परीक्षण के दौरान सीधा हिट किया. ब्रह्मोस के लंबी दूरी के मिसाइल-वर्जन का लड़ाकू विमान से ये पहला परीक्षण था.




परिक्षण सफल होने में थी कितनी संस्थाएं ?
इस परीक्षण से वायुसेना ने जमीन हो या समंदर दोनों जगह ही लंबी दूरी तक प्रेसिसियन-स्ट्राइक की क्षमता प्राप्त कर ली. वायुसेना के मुताबिक भारतीय नौसेना, डीआरडीओ, एचएएल और बीएपीएल की मदद से ही ये परीक्षण सफल हो पाया है. क्योंकि सुखोई लड़ाकू विमानों ना केवल लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं बल्कि उनकी क्षमताएं भी बेहद उच्च हैं.


सुखोई फाइटर जेट की कितनी है रेंज ?
ऐसे में ये फाइटर जेट ब्रह्मोस मिसाइल की लंबी दूरी के वर्जन के साथ मिलकर वायुसेना को निकट भविष्य में युद्ध के मैदान में स्ट्रेटेजिक-रीच यानि सामरिक-बढ़त प्रदान करता है. आपको बता दें कि सुखोई फाइटर जेट की रेंज करीब 3000 किलोमीटर है.


ऐसे में अगर ब्रह्मोस मिसाइल की लंबी दूरी के वर्जन को इस ये दागा जाता है तो ये दूरी काफी बढ़ जाती है. हालांकि, वायुसेना और डीआरडीओ ने कभी ब्रह्मोस मिसाइल के एक्सटेंटेड-वर्जन की रेंज नहीं बताई, लेकिन माना जाता है कि ये 800 किलोमीटर तक के टारगेट को हिट कर सकती है. 


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