IAF Special Plane For Cheetahs Project: भारत में 12 चीतों (7 नर और 5 मादा) का दूसरा जत्था दक्षिण अफ्रीका से शनिवार (18 फरवरी) को पहुंचेगा. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार (16 फरवरी) को यह जानकारी दी. इन सभी को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया जाएगा. इसी के साथ देश में चीतों की संख्या 20 हो जाएगी. इन 12 चीतों के लाने के लिए भारतीय वायुसेना के विशेष विमान और हेलीकॉप्टर को लगाया गया है.
12 चीतों को लाने के लिए इंडियन एयरफोर्स के सी-17 ग्लोबमास्टर ने आज यानी गुरुवार (16 फरवरी) को दक्षिण अफ्रीका के लिए उड़ान भरी. जानकारी के मुताबिक, सी-17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिए इन 12 चीतों को उत्तर प्रदेश के हिंडन एयरबेस पर लाया जाएगा. यहां से मध्य प्रदेश में स्थित कूनो नेशनल पार्क तक इन्हें एमआई-17 हेलीकॉप्टर से ले जाया जाएगा. बता दें कि इंडियन एयरफोर्स इस कार्य के लिए कोई रकम नहीं ले रहा है.
C-17 ग्लोबमास्टर की खासियत
C-17 ग्लोबमास्टर, दुनिया के बड़े मिलिट्री मालवाहक जहाजों में से एक है. भारतीय वायुसेना के इस ट्रांसपोर्ट विमान में चार इंजन लगे हुए हैं. यह विमान एक बार में 77,519 किलोग्राम तक कार्गो ले जाने की क्षमता रखता है. यह विमान अपने साथ हथियारबंद वाहन, ट्रक और यहां तक कि M1 अबराम्स युद्धक टैंक को भी इस विमान में ले जाया जा सकता है. यह विमान बेहद गर्म और ठंडे वातावरण में भी उड़ान भर सकता है. यह विमान मिसाइल वार्निंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर सपोर्टेड मिशन प्लानिंग सिस्टम से लैस है.
Mi-17 हेलीकॉप्टर की विशेषता
एमआई-17वी-5 मीडियम लिफ्टर हेलीकॉप्टर दुनिया के सबसे एडवांस एयरलिफ्ट हेलीकॉप्टरों में शुमार है. इन हेलिकॉप्टर्स का निर्माण कजान हेलिकॉप्टर्स ने किया है, जो रूस के कजान में रशियन हेलिकॉप्टर्स की एक सहयोगी है. एमआई-17वी-5 हेलिकॉप्टर में Klimov TV3-117VM या VK-2500 टर्बो शाफ्ट इंजन लगा हुआ है. TV3-117VM अधिकतम 2100 हॉर्सपावर जनरेट कर सकता है. इसकी स्पीड 250 किलोमीटर प्रति घंटा है और 580 किलोमीटर रेंज है. दो फ्यूल टैंक लगाने के बाद इसे 1065 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. एमआई-17 हेलिकॉप्टर्स का केबिन काफी बड़ा होता है, जिसमें यात्रियों के लिए दरवाजे और पीछे सेना व कार्गो के लिए एक रैंप होता है. यह 13000 किलो का भार लेकर उड़ सकता है.
10 सालों तक हर साल आएंगे चीते
चीता प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि दक्षिण अफ्रीका से हुए करार के मुताबिक अगले 10 सालों तक हर साल 10 से 12 चीते भारत लाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सरकार की पहली कोशिश कूनो नेशनल पार्क में 40 से ज्यादा चीज को प्राकृतिक तौर पर बसाना है. इतनी संख्या का मतलब होता है कि अब उस जंगल में चीतों का प्राकृतिक निवास हो गया है. हालांकि सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि आम लोग कब तक इन चीतों को जंगल में जाकर देख सकेंगे.
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