नई दिल्ली: एयरफोर्स प्रमुख बीएस धनोआ ने ने मंगलवार को अपने फ्रांस दौरे पर राफेल फाइटर जेट उड़ाया. बता दें कि भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की को खरीदने का सौदा किया है. बीएस धनोआ चार दिन के फ्रांस दौरे पर हैं.


इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों की वायुसेना के बीच तालमेल को बढ़ाना है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक एयर एयरफोर्स प्रमुख ने फ्रांस के प्रतिष्ठित सैंट डिजायर एयरबेस से राफेल विमान में उड़ान भरी. भारत और फ्रांस के बीच जो 36 राफेल विमानों की डील हुई है वो 36 महीने में शुरू हो जाएगी. यह डिलीवरी 67 महीने में पूरी हो जाएगी.


 





क्या खास है फ्रांस से मिलने वाले राफेल विमानों में?
फ्रांस के साथ हुए सौदे में जो 36 राफेल फाइटर प्लेन भारत को मिलने वाले हैं. वे अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों से लैस हैं. सबसे खास है दुनिया की सबसे घातक समझे जाने वाली हवा से हवा में मार करन वाली मेटेओर (METEOR) मिसाइल. ये मिसाइल चीन तो क्या किसी भी एशियाई देश के पास नहीं है. यानि राफेल प्लेन वाकई दक्षिण-एशिया में गेम-चेंजर साबित हो सकता है.

भारत ने राफेल सौदे में करीब 710 मिलियन यूरो (यानि करीब 5341 करोड़ रुपये) लड़ाकू विमानों के हथियारों पर खर्च किए हैं. गौरतलब है कि पूरे सौदे की कीमत करीब 7.9 बिलियन यूरो यानि करीब 59 हजार करोड़ रुपये है.


राफेल का फुल पैकेज कुछ इस तरह है. 36 विमानों की कीमत 3402 मिलियन यूरो, विमानों के स्पेयर पार्टस 1800 मिलियन यूरो के हैं, जबकि भारत के जलवायु के अनुरुप बनाने में खर्चा हुआ है 1700 मिलियन यूरो का. इसके अलवा पर्फोमेंस बेस्ड लॉजिस्टिक का खर्चा है करीब 353 मिलियन यूरो का.