Astra Mark 1 Air-to-Air Missiles: स्वदेशी मिसाइल निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय वायु सेना ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) को 200 एस्ट्रा मार्क 1 एयर-टु-एयर मिसाइलों के उत्पादन के लिए मंजूरी दे दी है. एस्ट्रा मार्क 1 मिसाइलों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की ओर से विकसित किया गया है, जिसकी उत्पादन एजेंसी बीडीएल है.


भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में भारतीय वायु सेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की हैदराबाद यात्रा के दौरान बीडीएल को उत्पादन की मंजूरी मिली है. उन्होंने कहा, "IAF के उप प्रमुख ने DRDO की रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला का दौरा किया था, जो एस्ट्रा मिसाइलों के लिए विकास एजेंसी है."


रूसी मिसाइल और तेजस में होगा इंटीग्रेट


रक्षा सूत्रों ने कहा, "रक्षा अधिग्रहण परिषद की ओर से 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना के लिए 2022-23 में मंजूरी दी गई थी और सभी परीक्षणों और विकास के पूरा होने के बाद अब उस ऑर्डर के लिए उत्पादन मंजूरी दे दी गई है." रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) इस परियोजना के लिए नोडल लैब है. एस्ट्रा मिसाइलों को उत्पादन के बाद रूसी मूल के Su-30 और स्वदेशी LCA तेजस लड़ाकू विमान दोनों में इंटीग्रेटेड (एकीकृत) किया जाएगा.


तीन चार कार्यक्रम हैं पूरे होने वाले


भारतीय वायु सेना मिसाइलों के लिए बहुत सारी स्वदेशी परियोजनाओं में मदद कर रही है और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों सहित तीन से चार ऐसे कार्यक्रम पूरे होने वाले हैं. डीआरडीओ और आईएएफ की ओर से एस्ट्रा कार्यक्रम को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जा रहा है और वे अब लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर हथियार प्रणाली के मार्क 2 का परीक्षण करने पर विचार कर रहे हैं. 300 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली लंबी दूरी की एस्ट्रा का परीक्षण और विकास करने की योजना भी चल रही है.


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