बिहार के मुजफ्फरपुर में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया. यहां वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश होकर पानी में गिर गया. हालांकि, वायुसेना ने इसे एहतियातन लैंडिंग बताया है और हेलिकॉप्टर में सवार सभी तीन कर्मी सुरक्षित हैं. बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर के औराई स्थित घनश्यामपुर में ये हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है. हेलिकॉप्टर बाढ़ राहत सामग्री ड्रॉप कर रहा था. 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारतीय वायुसेना ने बताया कि एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर को बिहार के सीतामढी में बाढ़ रिलीफ ऑपरेशन के दौरान एहतियातन लैंडिंग करनी पड़ी. हेलिकॉप्टर में दो पायलट समेत तीन कर्मी सवार थे. हालांकि, सभी सुरक्षित हैं. 






बाढ़ से जूझ रहा बिहार


बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. दरअसल, नेपाल में भारी बारिश और बाढ़ के बाद 29 सितंबर को कोसी बैराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. यह 1968 के बाद छोड़ा गया सर्वाधिक पानी है. इस बैराज से 1968 में अधिकतम 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसी वजह से बिहार और यूपी के तमाम जिलों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है.  


राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, आपदा की स्थिति को देखते हुए भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद से दो जिलों सीतामढ़ी एवं दरभंगा जिला में पानी से घिरे गांवों में सूखे राशन के पैकेट गिराये गए. प्रभावित आबादी में से लगभग 2, 26,000 लोगों को जिला प्रशासन द्वारा राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ)/राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ तथा स्थानीय नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा गया है. जिला प्रशासन द्वारा अन्य राहत की कार्रवाई की जा रही है. बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की कुल 16 टीम एवं एसडीआरएफ की कुल 14 टीम को तैनात किया गया है. 


इसके अलावा अतिरिक्त वाराणसी और रांची से एनडीआरएफ की तीन-तीन टीम बुलाई गई है और उन्हें विभिन्न जिलों में राहत एवं बचाव कार्य की जिम्मेदारी दी गई है.  उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने एक दिन पहले दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से मुलाकात की थी. चौधरी ने कहा कि उन्होंने पाटिल से अपील की है कि वे नेपाल की सीमा से सटे इलाकों में हर साल होने वाली बाढ़ को रोकने के लिए एक अतिरिक्त बैराज के निर्माण पर विचार करें. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और बिहार के हाजीपुर से लोकसभा सदस्य चिराग पासवान ने पूर्णिया और सहरसा जैसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में घंटों बिताए और राहत कार्यों का निरीक्षण किया, लोगों की शिकायतें सुनीं तथा कुछ स्थानों पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई.