नई दिल्लीः इस बार राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए वायुसेना लीड एजेंसी है. हर साल तीनों सेनाओं में से एक को कोर्डिनेटर बनाया जाता है. इस बार ये जिम्मेदारी वायुसेना के पास है. कुल 45 विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे. जिनमें 41 वायुसेना के हैं और चार हेलीकॉप्टर थलसेना के हैं. फ्लाई पास्ट दो हिस्सों में होगा. परेड की शुरूआत में और परेड के आखिर में. सभी विमान राजपथ और इंडिया गेट के बीच 60 से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरेंगे.


राजपथ पर परेड की शुरूआत वायुसेना के चार एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर्स से होगी जो वाई-फोरमेशन बनाएंगे. इनमें से एक हेलीकॉप्टर पर तिरंगा लहरा रहा होगा और बाकी तीन पर तीनों सेनाओं के (यानि थलसेना वायुसेना और नौसेना के). इसके बाद थलसेना के चार एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर आएंगे. इसके बाद राजपथ पर मुख्य परेड शुरू हो जाएगी.


चिनूक हेलीकॉप्टर बनाएंगे फोरमेशन


इसके बाद तीन चिनूक हेलीकॉप्टर होंगे जो विक फोरमेशन बनाएंगे. इसके बाद अपाचे हेलीकॉप्टर आएंगे. परेड की समाप्ति वायुसेना के फ्लाई पास्ट से होगी. पहली बार हाल ही में अमेरिका से लिए गए चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर इस बार की फ्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे.


फ्लाई पास्ट की शुरूआत रूद्र फॉरमेशन से होगी जिसमें स्वदेशी एएलएच (डव्लूएसआई) रूद्र हेलीकॉप्टर होंगे, जो विक (विक्टरी) बनाएंगे. फिक्सड विंग एयरक्राफ्ट की शुरूआत होगी तीन(03) डोरनियर एयरक्राफ्ट्स से. उसके बाद आएंगे तीन (03) सी130जे सुपरहरक्युलिस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट.


नेत्रा फोरमेशन में शामिल होगा टोही विमान


इसके बाद होगा नेत्रा फोरमेशन जिसमें एक एवैक्स (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग कंट्रोल सिस्टम) टोही विमान होगा और उसके साथ होंगे दो सुखोई फाइटर जेट्स. इसके बाद तीन सी17 ग्लोबमास्टर हेवीलिफ्ट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आएंगे.


लड़ाकू विमानों की शुरूआत जगुआर फाइटर जेट्स से होगी. पांच जगुआर आएंगे. इसके बाद पांच (05) अपग्रेडेड मिग29 फाइटर जेट्स आएंगे जिनका कॉलसाइन फलक्रम (FULCRUM) है.


इसके बाद सुखोई फोरमेशन होगा जिसमें तीन सुखोई फाइटर जेट्स आएंगे, जो त्रिशूल बनाएंगे. आखिरी में एक अकेला सुखोई आएगा वर्टिकल मैन्युवर करेगा राजपथ के ऊपर. ये सभी सुखोई विमान सीधे जोधपुर एयरबेस से यहां पहुंचेंगे.


वायुसेना की झांकी-


थीम है 'द कटिंग एज'


झांकी में रफाल लड़ाकू विमान, एलसीए तेजस, लाइटर कॉम्बेट हेलीकॉप्टर एलसीएच, अस्त्रा मिसाइल और आकाश मिसाइल प्रणाली है.


(एलसीएच हेलीकॉप्टर अभी वायुसेना में शामिल नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि जल्द हो जाएगा एलसीएच को स्वदेशी कंपनी एचएएल ने तैयार किया है और कुछ महीने पहले एबीपी न्यूज संवाददाता नीरज राजपूत को खासतौर से इसमें फ्लाईंग के लिए एचएएल ने बेंगलुरू आमंत्रित किया था.)


वायुसेना की टुकड़ी मार्च पास्ट में---


इस बार क्योंकि वायुसेना लीड एजेंसी है गणतंत्र दिवस परेड की इसलिए परेड से पहले नेशनल वॉर मेमोरियल पर जब प्रधानमंत्री शहीदों को श्रद्धांजलि देने जाएंगे तो उस वक्त इंटर सर्विस गार्ड की कमान वायुसेना के विंग कमांडर विपुल गोयल के पास होगी. इस दौरान रक्षा मंत्री, सीडीएस, तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा सचिव भी नेशनल वॉर मेमोरियल पर मौजूद होंगे.


राष्ट्रपति जब तिरंगा झंडा फहराएंगे राजपथ पर उस वक्त भी वायुसेना के फ्लाईंग ऑफिसर अमन वहां मौजूद रहेंगे. वायुसेना की टुकड़ी में चार ऑफिसर और 144 वायुसैनिक होंगे. परेड की कमान होगी फ्लाईट लेफ्टिनेंट श्रीकांत शर्मा के पास होगी. उनके पीछे तीन ऑफिसर और होंगे.


एयरफोर्स बैंड में 72 म्यूजिशियन और तीन ड्रम-मेजर होंगे. बैंड मुख्यस्थल पर क्वीक मार्च धुन बजाएगी. विजय चौक से लेकर लाल किले तक की कुल दूरी 14 किलोमीटर की है. पूरे 14 किलोमीटर तक मार्च पास्ट होगी.


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