Air Force Akash Missile System: भारतीय वायु सेना ने जमीन से हवा में मार करने वाली क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया है. हाल ही में आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका वायु सेना स्टेशन पर अस्त्रशक्ति 2023 अभ्यास के दौरान स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली की मारक क्षमता का प्रदर्शन किया गया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारतीय वायु सेना की ओर से आयोजित अस्त्रशक्ति अभ्यास के दौरान एक एकल आकाश मिसाइल प्रणाली ने एक साथ 4 मानव रहित हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाया. यह प्रदर्शन 12 दिसंबर को अस्त्रशक्ति अभ्यास के दौरान आयोजित किया गया था.
4 लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखने वाला पहला देश बना भारत
भारत एक ही फायरिंग यूनिट का उपयोग करके कमांड मार्गदर्शन के जरिए करीब 25 किमी की दूरी पर एक साथ 4 लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्रदर्शित करने वाला पहला देश बन गया है. इस अभ्यास के दौरान चार लक्ष्य एक ही दिशा से एक साथ कई दिशाओं से रक्षा संपत्तियों पर हमला करने के लिए विभाजित हो गए थे.
इन सभी के साथ तैनात की आकाश फायरिंग यूनिट
आकाश फायरिंग यूनिट को फायरिंग लेवल रडार (एफएलआर), एक फायरिंग कंट्रोल सेंटर (एफसीसी), दो आकाश वायु सेना लॉन्चर (एएएफएल) और 5 सशस्त्र मिसाइलों के साथ तैनात किया गया था.
फायरिंग लेवल रडार का पता लगाकर उसको ट्रैक किया गया और 4 लक्ष्यों के साथ हवाई परिदृश्य को एक बड़े ग्रुप (IACCS) में अपडेट किया गया है.
इस तरह से बनाए गए टारगेट
खतरे को निष्फल करने के लिए आकाश फायरिंग यूनिट को लक्ष्य सौंपे गए थे. आकाश फायरिंग यूनिट ने लॉन्चरों को आगे सौंपा और एफसीसी कमांडर ने फायरिंग कमांड जारी किए जब सिस्टम ने अपनी क्षमता के अनुसार कार्रवाई के लिए संकेत दिया. दो आकाश मिसाइलों को दो लांचरों से लॉन्च किया गया और एक लांचर को अगले 3 टारगेट के लिए सौंपा गया.
थोड़ी समय में लॉन्च हुईं 4 मिसाइलें
थोड़े समय के भीतर कुल 4 मिसाइलें लॉन्च की गईं और एफएलआर ने सभी चार मिसाइलों को हासिल किया और संबंधित लक्ष्यों की ओर निर्देशित किया. सभी चार लक्ष्यों को एक साथ अधिकतम सीमा (लगभग 30 किमी) पर सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया.
आकाश मिसाइल सिस्टम पहला स्वदेशी अत्याधुनिक जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जिसने करीब एक दशक तक सशस्त्र बलों के साथ काम किया है. इसने आसमान में रक्षा और सुरक्षा प्रदान की है.
DRDO ने तैयार किया था आकाश सिस्टम का डिजाइन
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के मुताबिक, आकाश हथियार प्रणाली को डीआरडीओ (DRDO) की ओर से डिजाइन और विकसित किया गया है और अन्य उद्योगों बीईएल/बीडीएल के साथ मिलकर निर्मित किया गया है.भारतीय वायुसेना में साल 2019 में शामिल किए गए सिस्टम से करंट फायरिंग की गई.
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