नई दिल्ली: भारत में जल्द ही कोरोना वायरस की वैक्सीन आ सकती है. इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. वैक्सीन को जल्द से जल्द कैसे लोगों तक पहुंचाया जाय सरकार इस पर विचार कर रही है. इसी कड़ी में सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने भी कमर कस ली है.


कहा जा रहा है कि आईएएफ देश के हर हिस्‍से में कोविड-19 की वैक्‍सीन को पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की मदद लेगी. हालांकि सरकार की तरफ से आईएफ या सेना से वैक्सीन के वितरण और वितरण में सहायता के लिए अब तक कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं किया गया है.


सरकार की तरफ से नहीं किया गया है कोई अनुरोध


आईएएफ सूत्रों की तरफ से कहा गया, ''अभी तक आईएएफ के पास कोविड-19 की वैक्‍सीन को ट्रांसपोर्ट करने के लिए मदद का कोई भी औपचारिक अनुरोध नहीं किया गया है लेकिन हमारे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का काफिला पूरी तरह से तैयार है और हम किसी भी शॉर्ट नोटिस पर एक्‍शन के लिए तैयार हैं."


वायु सेना ने तैयार कर लिया है खांका


ऐसा माना जा रहा है कि सेना ने वैक्सीन वितरण की योजना तैयार कर ली है. सेनाएं मान रही हैं प्राथमिक तौर पर वैक्‍सीन की 28,000 यूनिट को कोल्‍ड स्‍टोरेज  से ट्रांसपोर्ट करनी पड़ सकती है और सेनाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर डोज पूरी सुरक्षा के साथ दूर दराज के इलाकों तक पहुंच जाए. कहा ये भी जा रहा है कि वैक्‍सींस को स्‍पेशल बॉक्‍सेज में ट्रांसपोर्ट किया जाएगा.


सीरम इंस्टिट्यूट ने देश में कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मांगी मंजूरी
फाइजर के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी ऑथोराइजेशन के लिए डीसीजीआई से अनुमति मांगी है. ऑक्सफ़ोर्ड और AstraZeneca की कोरोना वैक्सीन भारत में ट्रायल सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया कर रही है. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया कोरोना वैक्सीन के लिए डीसीजीआई से अनुमति मांगने वाली वाली पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है.


कोरोना वैक्सीन से जुड़ी बड़ी खबर, सीरम ने देश में 'कोविशील्ड' के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मांगी मंजूरी