AIR Force Global Ranking: भारतीय वायुसेना ने चीन की PLA-एयर फोर्स को छोड़ा पीछे, जानें क्या है WDMMA ग्लोबल रेटिंग का पैमाना?
AIR Force Global Ranking: भारत की रैंकिंग छठे नंबर पर है जबकि चीन सातवें नंबर पर है. भारत का दूसरा पड़ोसी देश (दुश्मन), पाकिस्तान 18वें नंबर पर है.
AIR Force Global Ranking: एलएसी पर चल रहे सीमा विवाद के बीच खबर है कि वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉर्डन मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA) ग्लोबल रेटिंग में भारतीय वायुसेना ने चीन की पीएलए-एयर फोर्स (PLA Air Force) को पीछे छोड़ दिया है. वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉर्डन मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA) के मुताबिक, ये रैंकिंग किस वायुसेना के पास कितने विमान हैं उस पर तो आधारित है ही साथ ही आधुनिकीकरण, लॉजिस्टिक सपोर्ट, डिफेंस और अटैक क्षमताओं पर आधारित है.
डब्लूडीएमएमए की 'ट्रू-वेल्यू रेटिंग' (TVOR) में नंबर वन अमेरिकी वायुसेना है. दूसरे नंबर पर अमेरिकी नौसेना है और तीसरे पर रुस है. चौथे और पांचवें पर अमेरिका की आर्मी एविएशन और मरीन फोर्स है. भारत की रैंकिंग छठे नंबर पर है जबकि चीन सातवें नंबर पर है. भारत का दूसरा पड़ोसी देश (दुश्मन), पाकिस्तान 18वें नंबर पर है. डब्लूडीएमएमए की रेटिंग के मुताबिक, भारत के पास कुल 1645 फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर और मालवाहक विमान हैं. वहीं, चीन के जंगी बेड़े में कुल 2040 विमान हैं. बावजूद इसके भारत की रैंकिंग चीन से ऊपर है.
अभिनंदन ने बढ़ाई पूरी दुनिया में IAF की साख
डब्लूडीएमएम के मुताबिक, रैंकिंग के दौरान इस बात का ध्यान भी रखा गया कि किस एयर फोर्स के पास स्पेशल मिशन करने की क्षमता है, किसके पास कितने बॉम्बर (एयरक्राफ्ट) हैं और क्लोज कॉम्बेट सपोर्ट (सीएएस) कितना है. नंबर इस बात के भी दिए गए हैं कि वायुसेना की ट्रेनिंग कैसी है और स्वदेशी एविएशन इंडस्ट्री कैसी है. आपको बता दें कि हाल के सालों में पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट एयर-स्ट्राइक हो या फिर विंग कमांडर अभिनंदन की डॉग-फाइट दुनियाभर में भारतीय वायुसेना की साख बढ़ी है. खुद चीन भी भारतीय वायुसेना की ताकत को स्वीकार कर चुका है. कुछ साल पहले जब भारतीय वायुसेना ने वायुशक्ति और गगनशक्ति एक्सरसाइज की थी तो चीनी मीडिया ने इंडियन एयर फोर्स की तुलना अमेरिकी वायुसेना से की थी.
भारतीय वायुसेना में स्वदेशी फाइटर जेट ज्यादा
वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर जब चीन के साथ सीमा विवाद शुरु हुआ था तब वायुसेना ने जिस तेजी के साथ सैनिकों के साथ टैंक, बीएमपी व्हीकल और दूसरे सैन्य साजों सामान को फॉरवर्ड लोकेशन पहुंचाया था उससे चीनी सेना भी भौचक्का रह गई थी. इसके अलावा हाल के सालों में स्वदेशी एविएशन इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की जबरदस्त कोशिशें चल रही हैं. यही वजह है कि भारतीय वायुसेना ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी फाइटर जेट, एलसीए तेजस की स्कॉवड्रन बढ़ा रही है. इसके अलावा स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को भी हाल ही में वायुसेना में शामिल किया गया है.
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