ऑक्सीजन की आपूर्ति आसान बनाने के मिशन में अब उतरी भारतीय वायुसेना
वायुसेना ने खाली टैंकरों को उन स्थानों पर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है जहां ऑक्सीजन उपलब्ध है. ताकि टैंकरों की आवाजाही में लगने वाले समय को कम किया जा सके.
नई दिल्ली: देश में तेजी से फैले कोरोना संक्रमण के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन के संकट ने महामारी के संकट को और भी गहरा दिया है. ऐसे में ऑक्सीजन आपूर्ति की परेशानियों को दूर करने के लिए भारतीय वायुसेना ने अपने जंगी परिवन बेड़े को मदद के मोर्चे पर तैनात किया है. बीती रात से भारतीय वायुसेना के सी17 और आईएल76 विमान विशाल टैंकरों को उन जगहों पर पहुंचा रहे हैं जहां चिकित्सकीय इस्तेमाल योग्य ऑक्सीजन उपलब्ध है.
भारतीय वायुसेना के मुताबिक भारतीय वायुसेना के दो सी17 ने दो खाली क्रायोजैनिक कंटेनर और एक आईएल76 विमानों ने एक खाली कंटेनर वायुसेना बेस हिंडन से पश्चिम बंगाल में पानागढ़ पहुंचाया. वायुसेना के मुताबिक आज भी इस तरह की कई उड़ानें देश भर में संचालित की जा रही हैं. ध्यान रहे कि वायुसेना की इस मदद से ऑक्सीजन आपूर्ति में लगने वाले समय में कमी आएगी.
गौरतलब है कि चिकित्सकीय इस्तेमाल की ऑक्सीजन को तरल रूप में विशेष क्रायोजैनिक, यानि शीतलीकृत, कंटेनरों के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है. यह कंटेनर उच्च दाब पर तरलीकृत ऑक्सीजन को संचित कर पाते हैं. हालांकि उच्च दाब वाले इन कंटेनरों को विमानों के जरिए एक जगह से दूसरी जगह नहीं पहुंचाया जा सकता क्योंकि सी17 और आईएल76 जैसे परिवहन विमान काफी ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं. ऐसे में कैबिन का दबाव इन उच्च दाब क्षमता वाले कंटेनरों के साथ परिवहन को खतरनाक बना सकता है.
वायुसेना ने खाली टैंकरों को पहुंचाने का बीड़ा उठाया
लिहाजा वायुसेना ने खाली टैंकरों को उन स्थानों पर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है जहां ऑक्सीजन उपलब्ध है. ताकि टैंकरों की आवाजाही में लगने वाले समय को कम किया जा सके. इसके लिए औद्योगिक ग्रेड के यह टैंकर वायुसेना को मुहैया कराए गए हैं.
महत्वपूर्ण है कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ऑक्सीजन संकट के निदान के लिए वायुसेना के इस्तेमाल को लेकर फैसला हुआ था. साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दो दिन पहले रक्षा सचिव और सेना प्रमुखों के साथ बैठक कर कोविड सहायता मिशन में सैन्य क्षमताओं के इस्तेमाल के निर्देश दिए थे. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल को जारी संशोधित निर्देशों में न केवल प्रतिदिन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता का अधिकतम हिस्सा चिकित्सकीय इस्तेमाल के लिए आवंटित करने के लिए कहा है. साथ ही सभी राज्य सरकारों को ऑक्सीजन आपूर्ति टैंकरों को अबाध परिवहन के लिए ग्रीन कॉरीडोर उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है.
हालांकि सरकार के इन आदेशों और निर्देशों के बावजूद अब भी राजधानी दिल्ली समेत देश के कई सूबों से ऑक्सीजन आपूर्ति में दिक्कतें पेश आ रही हैं. राजधानी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल को 23 अप्रैल की सुबह आपात संदेश जारी करना पड़ा कि उसके पास केवल दो घंटे की ऑक्सीजन बची है. साथ ही अस्पताल के लिए ऑक्सीजन लेकर जा रहा टैंकर दिल्ली के रोहिणी इलाके में काफी देर फंसा रहा. इस बारे में खबर आने के बाद दिल्ली पुलिस ने ग्रीन कॉरीडोर बना टैंकर को अस्पताल पहुंचाया.