Rafale: तवांग पर तनाव के बीच वायुसेना का बड़ा शक्ति प्रदर्शन, फ्रांस से आया 36वां राफेल, हासिमारा में होगी तैनाती
Rafale Fighter Jet: भारत को अपना अंतिम यानी 36वां राफेल लड़ाकू विमान उस वक्त मिला है, जब सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ तनातनी चल रही है.
Final Rafale Fighter Jet Lands in India: चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर जारी तनातनी के बीच भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो गया है. भारतीय वायुसेना के बेड़े में एक और राफेल विमान शामिल हो गया है. फ्रांस से हुए 36 राफेल विमानों के सौदे के तहत अंतिम यानी 36वां राफेल भारत पहुंच चुका है.
फ्रांस से 36वां राफेल लड़ाकू विमान आज यानी गुरुवार (15 दिसंबर) को भारत पहुंचा. भारतीय वायुसेना ने एक ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयर बेस पर इस राफेल को तैनात किया गया है. इसी के साथ फ्रांस के साथ डील भी कंपलीट हो चुकी है. पहला राफेल विमान पिछले साल जुलाई महीने में भारत आया था.
फ्रांस से सितंबर 2016 में हुई थी डील
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 36 विमानों में से आखिरी राफेल ने भारत पहुंचने के लिए फ्रांस से उड़ान भरने के बाद यूएई एयरक्राफ्ट से आसमान में ही ईंधन प्राप्त किया और इसके बाद भारत में उसकी लैंडिंग हुई. बता दें कि मोदी सरकार ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत वाले 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था.
LAC के पास वायुसेना का युद्धाभ्यास
भारत को अपना अंतिम राफेल विमान उस वक्त मिला है, जब चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर तनातनी चल रही है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प के बाद भारतीय वायुसेना की पूर्वी कमांन LAC के पास अपनी ताकत का इजहार कर रही है. वायुसेना के दो दिवसीय युद्धाभ्यास में राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा सुखोई और कई हेलीकॉप्टर अपने युद्ध-कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं.
9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में हुई थी झड़प
एक तरफ पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच 30 महीने से अधिक समय से सीमा गतिरोध जारी है. वहीं, पिछले शुक्रवार यानी 9 दिसंबर को अरुणाचल के संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास यांग्त्से के नजदीक झड़प हुई थी. 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने 300-400 की संख्या में यांगत्से की एक चोटी पर चढ़कर भारतीय सैनिकों को हटाने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय जवान पहले से तैयार बैठे थे और चीनी सैनिकों को वहां से खदेड़ दिया था.