Pralay Exercise On LAC: चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच हमारी वायुसेना पूर्वोत्तर भारत में एक बड़ी एक्‍सरसाइज करने जा रही है. इस वॉर एक्‍सरसाइज को 'प्रलय' नाम दिया गया है. वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 'प्रलय' सभी प्रमुख एयरबेस से अंजाम दी जाएगी. हाल ही में तैनात किए गए ड्रोन स्क्वाड्रन भी उसका हिस्सा होंगे.


एस-400 एयर डिफेंस स्क्वाड्रन भी तैनात


'प्रलय' एक्‍सरसाइज ऐसे समय में हो रही है जब भारतीय वायु सेना ने ईस्टर्न सेक्टर में एस-400 एयर डिफेंस स्क्वाड्रन को तैनात और सक्रिय कर दिया है, जो दुश्मन के किसी भी विमान या मिसाइल को 400 कि.मी. दूर से ही मार गिराने में सक्षम है. इस तरह का एयर डिफेंस सिस्टम दुनिया के बहुत कम देशों के पास है. भारत ने रूस से अरबों डॉलर में यह सौदा किया है.


हाल के महीनों में दूसरी कमांड-लेवल एक्‍सरसाइज


अधिकारियों के अनुसार, भारतीय वायु सेना की 'प्रलय' एक्‍सरसाइज में ट्रांसपोर्ट और अन्य विमानों के साथ-साथ राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों सहित वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू संसाधन दिखाई देंगे. IAF द्वारा की जा रही यह हाल के महीनों में दूसरी ऐसी कमांड-लेवल की एक्‍सरसाइज है.


हाल ही में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने सिक्किम और सिलीगुड़ी कॉरिडोर सेक्टर के साथ प्रतिकूल गतिविधियों की निगरानी की अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ड्रोन के एक स्क्वाड्रन को अन्य ठिकानों से नॉर्थ-ईस्‍ट में ट्रांसफर किया था. 


डोकलाम क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा चीन 


अधिकारियों के हवाले से न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि चीन भी डोकलाम क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां लगातार निगरानी कर रही हैं.


शिलॉन्ग में भारतीय वायु सेना की ईस्‍टर्न कमान के पास चीन की सीमा के साथ-साथ पूरे पूर्वोत्तर पर निगरानी रखने के हवाई क्षेत्र हैं और जब चीनी विमान एलएसी के बहुत करीब उड़ान भरने या वहां भारतीय स्थानों की ओर बढ़ने की कोशिश करते हैं तो अक्सर हमारे लड़ाकू विमान उनको खदेड़ देते हैं. 


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