टिड्डी-दल की तरह दुश्मन पर टूट पड़ने वाली स्वेदशी ‘सवर्म-ड्रोन्स’ तकनीक में भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है. भारत ने ये ड्रोन के झुंड वाली तकनीक का सफल परीक्षण ऐसे समय में किया है जब एलएसी पर चीन से पिछले सात महीने से टकराव चल रहा है. ‘आर्टिफिशियल-इंटेलीजेंस’ की मदद से काम करने वाले इन सवर्म-ड्रोन्स तकनीक में माना जाता है कि चीन को महारत हासिल है.
शनिवार को भारतीय वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर सवर्म-ड्रोन्स यानि ड्रोन के झुंड की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि “स्वदेशी प्रतिभा और तकनीकी क्षमता का उपयोग करते हुए आईएएफ (इंडियन एयरफोर्स) अपनी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल-इंटेलीजेंस का उपयोग करने में अग्रणी है. सवर्म-ड्रोन उसका एक प्रमुख उदाहरण है.” इसके साथ ही वायुसेना ट्वीटर पोस्ट पर हैशटैग ‘इनोवेशन’, ‘इंटीग्रेशन’ और ‘इंटीमिडेशन’ दिया.
इस सवर्म-ड्रोन्स तकनीक में आर्टिफिशियल-टेक्नोलॉजी (एआई) के जरिए यूएवी और छोटे ड्रोन्स को एक बड़े झुंड के जरिए आसमान में उड़ाया जाता है. इसका इस्तेमाल दुश्मन के टैंक, आईसीवी यानि इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीक्लस और सैनिकों और गोला-बारूद से भरे ट्रकों पर एक साथ बड़ा हमला करने के लिए किया जाता है. ये एक टिड्डी-जल की तरह दुश्मन पर हमला करते हैं इसलिए इन्हें सवर्म-ड्रोन्स कहा जाता है. ऐसे ड्रोन, मिसाइल या फिर बमों से लैस होते हैं. इस तरह के सवर्म-ड्रोन्स का इस्तेमाल युद्ध के मैदान में दुश्मन के कम्युनिकेशन-सिस्टम और रड़ार्स को जाम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
आपको बता दें कि एक लंबे समय से देश की सशस्त्र-सेनाओं को सवर्म-ड्रोन्स तकनीक की दरकार थी, खासतौर से जब से भारत का एलएसी पर चीन के साथ टकराव शुरू हुआ है. क्योंकि चीन को सवर्म-ड्रोन्स और एआई तकनीक में काफी महारत माना जाता है. कुछ हफ्ते पहले ही चीन की पीएलए सेना ने एक वीडियो जारी कर दिखाया था कि कैसे सवर्म-ड्रोन्स के जरिए फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों को गरम-खाना पहुंचाया जा रहा है.
गौरतलब है कि हाल ही में आर्मेनिया और अजरबेजान के बीच हुए युद्ध में भी ड्रोन्स का बड़ा इस्तेमाल किया गया था. माना जा रहा है कि अजरबेजान ने बड़ी तादाद में ड्रोन्स का इस्तेमाल कर आर्मेनिया की सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया था. अजरबेजान ने इनके वीडियो भी रिलीज किए थे जिसमें दिखाई पड़ रहा था कि किस तरह से आर्मेनिया के टैंक, सैनिकों और आर्म्स-एम्युनेशन से भरे ट्रकों पर ये ड्रोन हमला करते हैं.