नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की ताकत में साल 2021 में और इज़ाफा होने वाला है. अगले साल अप्रैल तक 16 और रफाल विमान वायुसेना में शामिल हो जाएंगे, जिसके बाद गोल्डन एरोज़ स्क्वॉड्रन के पास 18 रफाल विमान हो जाएंगे. इसके अलावा फ्रांस की सबसे बड़ी जेट इंजन बनाने वाली कंपनी साफरान (Safran) भारत में ही फाइटर इंजन और उससे जुड़ी चीजें बनाने के लिए तैयार हो गई है.


आपको बता दें कि इसी साल 29 जुलाई को पांच रफाल विमान भारत पहुंचे थे और वायुसेना की स्क्वॉड्रन 17 का हिस्सा बने थे. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि अब तीन रफाल विमानों की अगली खेप पांच नवंबर को बोरडेक्स-मेरीगनेक फैसिलिटी से सीधे (बीच में कोई स्टॉप नहीं होगा, क्योंकि हवा में ही रफाल में तेल भरी जाएगी) अंबाला एयरबेस पर पहुंचेंगे. बता दें कि फ्रांस में भारतीय वायुसेना के पायलटों द्वारा ट्रेनिंग के लिए सात रफाल विमानों का पहले से ही इस्तेमाल हो रहा है.


इसके अलावा तीन और रफाल विमान जनवरी, तीन मार्च में और सात विमान अप्रैल में भारत पहुंचने वाले हैं. इन विमानों के भारत पहुंचने के साथ ही भारतीय वायुसेना के पास कुल 21 सिंगल सीट फाइटर विमान और सात ट्वीन सीट ट्रेनर फाइटर विमान हो जाएंगे. इसके साथ ही अगले साल तक गोल्डन एरोज़ स्क्वॉड्रन के पास 18 विमान हो जाएंगे और बाकी तीन विमानों को हाशिमारा एयरबेस पर उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार भेज दिया जाएगा.


ये सभी लड़ाकू विमान हवा से ज़मीन और हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइलों से लैस होंगे. भारत ने साफरान से हवा से ज़मीन पर मार करने वाले मॉड्यूलर हथियार हैमर के लिए भी गुज़ारिश की है, जिसमें 250 किलो वारहेड होता है. अधिकारियों ने बताया है कि कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के चार साल बाद फ्रांस ने भारत को और रफाल विमानों की पेशकश की है. वहीं साफरान ने भारत में स्नेकमा 88 इंजन बनाने का प्रस्ताव दिया है. इन इंजन्स का इस्तेमाल रफाल लड़ाकू विमानों के अलावा डीआरडीओ द्वारा बनाए गए पावर लाइट कोमबट एयरक्राफ्ट मार्क II और ट्विन-इंजन एडवांस मल्टी रोल कोमबट एयरक्राफ्ट में भी हो सकता है.