IAF का राहत अभियान जारी, देश से लेकर विदेश तक एयरक्राफ्ट्स खाली ऑक्सीजन कंटेनर लाने के लिए भर रहे हैं उड़ान
देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचाया हुआ है. वहीं भारतीय वायु सेना ने राहत पहुंचाने में अपने प्रयास जारी रखते हुए मोर्चा संभाल रखा है. देश से लेकर विदेश तक वायुसेना के एयरक्राफ्ट्स खाली ऑक्सीजन कंटेनर लाने के लिए उड़ान भर रहे हैं.
भारतीय वायु सेना ने कोविड-19 के दौरान राहत पहुंचाने में अपने प्रयास जारी रखते हुए मोर्चा संभाल रखा है. देश से लेकर विदेश तक वायुसेना के एयरक्राफ्ट्स खाली ऑक्सीजन कंटेनर लाने के लिए उड़ान भर रहे हैं.
सोमवार को वायुसेना का एक सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट 07 खाली क्रायोजैनिक ऑक्सीजन कंटनेर लेकर दुबई से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ पहुंच रहा है. पानागढ़ से ऑक्सीजन की सप्लाई के बाद इन टैकर्स को ऑक्सीजन से भरकर देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा ताकि अस्पतालों में कोविड से लड़ रहे मरीजों का इलाज किया जा सके.
वायुसेना जब तक चैन से नहीं बैठेगी जबतक देश की जरूरतें पूरी नहीं होती- रक्षा सचिव
खुद रक्षा सचिव डॉक्टर अजय कुमार ने दुबई एयरपोर्ट पर सी-17 ग्लोबमास्टर का वीडियो ट्वीट किया और लिखा, "वायुसेना जब तक चैन से नहीं बैठेगी जबतक देश की जरूरतें पूरी नहीं होती." वायुसेना की दुबई से ऑक्सीजन कंटनेर लाने के लिए विदेश से दूसरी उड़ान थी. इससे पहले शनिवार को भी एक सी-17 ग्लोबमास्टर विमान 04 उच्च क्षमता के क्रायोजैनिक ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट कर सिंगापुर से पानागढ़ आया था.
इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में भी खाली ऑक्सीजन कंटनेर पहुंचाने के लिए वायुसेना के मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट नॉन-स्टॉप उड़ान भर रहे हैं. दिल्ली के करीब हिंडन एयरबेस से ग्लोबमास्टर लगातार जामनगर, पानागढ़, ग्वालियर, बेगमपेट (हैदराबाद), लेह, जम्मू, चंडीगढ़, जोधपुर, पुणे इत्यादि के लिए उड़ान भर रहे हैं. इसके अलावा सी-130 जे सुपर हरक्युलिस, आईएल-76 और ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर्स भी इस संकट की घड़ी में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं.
रविवार को दो कंटनेर ग्वालियर से रांची वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने एयरलिफ्ट किए
आपको बता दें कि ऑक्सीजन के भरे हुए सिलेंडर और कंटनेर्स को एयरलिफ्ट नहीं किया जा सकता है क्योंकि आसमान में दवाब (प्रेशर) के चलते लिक्विड ऑक्सीजन के लीक होकर आग लगने का खतरा बना रहता है. इसीलिए वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल खाली सिलेंडर और कंटनेर्स को ले जाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है, ताकि आवाजाही का समय कम हो सके.
रविवार यानि 25 अप्रैल को सी-17 एयरक्राफ्ट जोधपुर और उदयपुर से तीन (03) कंटेनर लेकर जामनगर पहुंचा था. दो कंटेनर ग्वालियर से जामनगर पहुंचे थे. रविवार को ही दो कंटनेर ग्वालियर से रांची वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने एयरलिफ्ट किए थे. शनिवार को ही भारतीय वायु सेना का एक सी-17 विमान हिंडन एयर बेस से सुबह 08:00 बजे पुणे एयर बेस के लिए रवाना हुआ और 02 खाली क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर ट्रकों को जामनगर एयर बेस के लिए पहुंचा. वहा से सी -17 विमान पुणे से जामनगर पहुंचा जिसमें 2 और खाली कंटेनर हैं. इससे पहले एक अन्य सी-17 विमान ने शनिवार को दो खाली कंटेनर जोधपुर से जामनगर पहुंचाए थे.
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा
भारतीय वायुसेना के एक चिनूक हेलीकाप्टर और एक एन-32 सैन्य विमान ने कोविड टेस्टिंग उपकरण जम्मू से लेह और जम्मू से करगिल तक पहुंचा. उपकरणों में बायो सेफ्टी कैबिनेट, सेंट्रीफ्यूज और स्टेबलाइजर्स शामिल थे. इन मशीनों को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा बनाया गया है और अब जांच क्षमता को बढ़ाने के लिए इन्हें केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को दिया गया है.
जैसा कि विदित है, देश इस संक्रामक रोग से लड़ने और इसे पराजित करने के लिए कई बड़े कदम उठा रहा है. भारतीय वायु सेना सेना भी इसमें एक पेशेवर तरीके से सभी उभरती जरूरतों को पूरा करनेके लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. शनिवार को प्राईवेट एयरलाइंस, स्पाइसजेट ने भी 800 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स हांगकांग से लेकर कोलकता पहुंचा था. इन ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा.