'मेक इन इंडिया' के तहत IAF को मिलेंगे नए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, दुर्गम इलाकों में आसानी से होगी रसद की सप्लाई
केंद्र सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल से भारतीय वायु सेना को काफी फायदा हो रहा है. भारतीय वायु सेना लगातार टॉप क्लास टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ रही है और फोर्स की क्षमता को आगे बढ़ा रही है.
Indian Air Force To Get MTA: भारतीय वायु सेना (IAF) को अब जल्द ही नए मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (MTA) मिलने वाले हैं. इन एयरक्राफ्ट को 'मेक इन इंडिया' (Make In India) पहल के तहत देश में निर्मित किया जाना है. आईएएफ ने शुक्रवार को कहा कि ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की विभिन्न भूमिकाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले MTA की कार्गो ले जाने की क्षमता 18 से 30 टन के बीच होगी.
भारत ने महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के माध्यम से अपने रक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव की शुरुआत की है. भारतीय सशस्त्र बलों की रक्षा आधुनिकीकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्तमान में मिसाइल, फील्ड गन, टैंक, विमान वाहक, ड्रोन, लड़ाकू विमान, टैंक और हेलीकॉप्टर जैसे विभिन्न रक्षा प्लेटफार्मों के घरेलू निर्माण के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं.
सेना को आधुनिक करने पर फोकस
केंद्र सरकार भारतीय सेना को समय-समय पर नई तकनीक से लैस कर रही है. बीते दिनों इंडियन आर्मी ने संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी समग्र निगरानी और युद्धक क्षमता को मजबूत करने के लिए 130 आधुनिक ड्रोन प्रणाली खरीदने की प्रक्रिया शुरू की. इसी के साथ, सेना ने जेट पैक सूट और 100 'रोबोटिक म्यूल' की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
जेट पैक सूट की खासियत?
जेट पैक सूट के कई फायदे हैं. बॉर्डर पर तैनात सैनिक जेट पैक सूट को पहनकर विषम परिस्थितियों में उड़ भी सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, जेट पैक सूट में पांच गैस टर्बाइन जेट इंजन लगे होते हैं जो करीब 1000 हॉर्सपावर की ऊर्जा पैदा करते हैं. इस तरह के सूट को फ्यूल, डीजल या केरोसिन से चलाया जा सकता है. जेट पैक सूट की रफ्तार 50 किमोमीटर प्रतिघंटे की होती है.
गौरतलब है कि भारतीय सेना चीन के साथ लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ अपने समग्र निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही है. इसी के साथ भारत और पाकिस्तान के बीच भी सीमा पर स्थिति नॉर्मल नहीं है. आए दिन सीमापार से आतंकी घुसपैठ की कोशिश करते हैं. ऐसे में भारतीय सेना को नए उपकरणों से बॉर्डर पर निगरानी करने में काफी फायदा होगा.
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