चीन से तनातनी के बीच हिंडन एयरबेस पर वायुसेना की ताकत का नमूना, सुनी गई राफेल और तेजस की गर्जना
भारतीय वायुसेना के 88वें स्थापना दिवस पर दिल्ली के करीब हिंडन एयरबेस पर आज राफेल भी उड़ता दिखा. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के जाबांज पायलटों ने आसमान में गजब की कलाबाजियां दिखाईं.
नई दिल्ली: एलएसी पर पिछले पांच महीने से चीन से चल रहे टकराव के बीच मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य में एक मजबूत वायुसेना की बेहद आवश्यकता है. ये कहना है वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया का. भदौरिया आज राजधानी दिल्ली के करीब हिंडन एयरबेस पर वायुसैनिकों को संबोधित कर रहे थे. मौका था 88वें वायुसेना दिवस का.
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के मुताबिक, युद्ध के सभी 'स्पेक्ट्रम' में लड़ने के लिए एक सशक्त वायुसेना की सख्त आवश्यकता है. इसलिए इस दशक (2020-30) के लिए भारतीय वायुसेना का विजन है अपनी युद्धक-क्षमताओं को लगातार बढ़ाना ताकि हर क्षेत्र में एयरफोर्स का वर्चस्व हो.
भदौरिया ने इस मौके पर वायुसैनिकों की सराहना करते हुए कहा कि हाल ही में नार्दन-फ्रंटियर पर चल रहे स्टैंड-ऑफ (चीन सीमा पर टकराव) के दौरान जिस तरह से थलसेना के साथ मिलकर वायुसेना ने त्वरित कारवाई की वो बेहद ही काबिले-तारीफ है.
भदौरिया ने कहा कि इस दौरान हमने साफ तौर से अपनी युद्ध-क्षमताओं के साथ साथ जरूरत पड़ने पर दुश्मन से लोहा लेना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करके दिखाया है. आपको बता दें कि सोमवार को ही वायुसेनाध्यक्ष ने कहा था कि वायुसेना टू-फ्रंट वॉर यानि चीन और पाकिस्तान से एक साथ मोर्चा लेने के लिए पूरी तरह तैयार है.
हाल ही में चीन से टकराव के दौरान जिस तरह वायुसेना ने बेहद तेजी से अपने फ्रंटलाइन एयरक्राफ्ट्स रफाल, सुखोई, मिग29, मिराज-2000 और तेजस को तैनात किया और अपने ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स (सी-17 ग्लोबमास्टर, सी130 जे सुपरहरक्युलिस, आईएल-76 और चिनूक हेलीकॉप्टर्स) से सैनिकों और सैन्य साजो सामान को चीन सीमा के करीब पहुंचाया उससे चीन भी भौचक्का रह गया था.
यही वजह है कि एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि हम ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं जिसमें पता चलेगा कि हम अपनी 'एयरो-स्पेस पॉवर' को किस तरह इस्तेमाल करते हैं और किस तरह से (थलसेना और नौसेना के साथ मिलकर) इंटीग्रेटेड ऑपरेशन्स करते हैं.
गुरूवार को हिंडन एयरबेस पर फ्लाई पास्ट की शुरूआत 'आकाशगंगा' यानि आसमान से पैरा-जंप से हुई. इस पैरा-जंप में वायु-सैनिक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से पैराशूट के जरिए जंप करके परेड ग्राउंड पर उतरे. उसके बाद स्कॉवड्रन लीडर शिवानी शेखावत की अगुवाई में निशान-टोली के साथ वायुसैनिकों ने मार्च पास्ट की. इसके बाद वायुसेना के हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर्स मी-17वी5 के हिंडन एयरबेस के ऊपर उड़ान से फ्लाई पास्ट की शुरूआत हुई.
मी-17 के बाद आए हाल ही में अमेरिका से लिए हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर्स, चिनूक. चिनूक हेलीकॉप्टर्स फील्ड-गन्स यानि तोप और दूसरा हैवी सामान ले जाते हुए दिखाई पड़े. उसके बाद सी-17 ग्लोबमास्टर और आईएल-76 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी. हिंडन एयरबेस पर भी सी-130 जे सुपर हरक्युलिस ट्रांसपोर्ट विमान स्टेटिक-डिस्पिले में दिखाई पड़ेगा। इन सभी हेलीकॉप्टर्स और मालवाहक विमानों का इस्तेमाल हाल ही में एलएसी पर चीन से चल रहे टकराव के दौरान बड़ी तादाद में सैनिकों, टैंक तोप और दूसरे सैन्य साजो सामान को बेहद तेजी से फॉरवर्ड लोकेशन पर भेजने के लिए इस्तेमाल किया गया था.
गुरूवार को लेकिन मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा रफाल लड़ाकू विमान. हिंडन एयरबएस के स्टेटिक डिस्पिले में भी राफेल को सबसे बीच में स्थान दी गई है. फ्लाई पास्ट की दो फॉर्मेशन्स में भी राफेल को जगह दि गई. पहली 'विजय' और दूसरी 'ट्रांसफॉर्मर'. विजय फॉर्मेशन में राफेल के साथ मिराज-2000 और जगुआर फाइटर जेट्स थे तो ट्रांसफॉर्मर में स्वदेशी एलसीए-तेजस और सुखोई लड़ाकू विमान. राफेल और तेजस ने फॉर्मशेन के बाद जबरदस्त एयरोबेटिक्स किया जिसे देखकर सभी ने दांतों तले उंगली दबा लीं.
गुरूवार को हिंडन एयरबेस पर वायुसैनिकों को संबोधित करते हुए वायुसेनाध्यक्ष ने कह कि राफेल (अपाचे और चिनूक) के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से भारत की युद्धक क्षमताएं काफी बढ़ गई हैं. गुरूवार को हिंडन एयरबेस पर स्वदेशी फाइटर जेट, तेजस भी राफेल के साथ आसमान में करतब करता और गर्जना भरते नजर आया. स्टेटिक डिस्पिले में तेजस पर आर-73 मिसाइल और लेजर गाईडेड बम (एलजीबी) भी इंटीग्रेटेड दिखाई पड़े. आपको बता दें कि इस साल वायुसेना दिवस पर एयरफोर्स का मोटो, उद्देश्य है, इनोवेट, इंटीग्रेड एंड इंटीमिडेट. यानी अपने खुद के एयरक्राफ्ट और हैलीकॉप्टर तैयार करें, और उनमें वैपन और मिसाइल इंटीग्रेट कर दुश्मनों को डराएं.
खुद तेजस विमान के फाइटर पायलट, ग्रुप कैप्टन एम तोलानी ने एबीपी न्यूज से बाद में खास बातचीत में कहा कि स्वदेशी एयरक्राफ्ट तेजस से वाकई हमारे दुश्मन घबरा रहे हैं. आकाशगंगा टीम की अगुवाई कर रहे स्कॉवड्रन लीडर मनोज गोस्वामी ने कहा कि जिस तरह से पिछले पांच महीने से भारतीय वायुसेना चीन और पाकिस्तान दोनों से मोर्चा ले रही है वो वायुसेना का अपनी सीमाओं की सुरक्षा का दृढसंकल्प दिखाती है. मार्च पास्ट में 'निशान-टोली' लेकर चलने वाली स्कॉवड्रन लीडर शिवानी शेखावत ने कहा कि कोरोना के प्रोटोकॉल में भी वायुसेना बेहद बहादुरी से अपना कर्तव्यों का निर्वाहन कर रही है.
गुरूवार की फ्लाई पास्ट में राफेल और तेजस के अलावा सुखोई, मिग-29, मिराज2000 और जगुआर भी आसमान में भारत की हवाई ताकत का परिचय दिया. इसके अलावा स्टेटिक डिस्पिले में अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, आकाश मिसाइल सिस्टम, टोही विमान अवैक्स और स्वदेशी रडार सिस्टम, रोहिणी भी हिंडन एयरबेस पर दिखाई पड़े. दर्शकों के लिए खास सारंग हेलीकॉप्टर और सूर्यकिरन जेट टीम भी एयरोबेटिक्स करते दिखाई दिए.