चीनी सीमा से सटे सिविल एयरपोर्ट्स पर भारतीय वायुसेना की खास एक्ससरसाइज़ शुरू, जानें क्या है मकसद
दो चरणों (16-19 अक्टूबर और 29 अक्टूबर-1 नबंबर) में होने वाली इस एक्सरसाइज में उत्तर पूर्व राज्यों के छह एयरपोर्ट्स को चुना गया है.
नई दिल्ली: बुधवार से भारतीय वायुसेना ने उत्तर पूर्व के राज्यों में चीन सीमा से सटे सिविल एयरपोर्ट्स पर अपनी एक खास एक्सरसाइज शुरू कर दी है. इस युद्धाभ्यास में किस तरह विपरीत परिस्थितियों में सिविल एयरपोर्ट्स का इस्तेमाल वायुसेना के फ्लाईंग ऑपरेशन्स के लिए किया जा सकता है, उसका अभ्यास किया जा रहा है.
दो चरणों (16-19 अक्टूबर और 29 अक्टूबर-1 नबंबर) में होने वाली इस एक्सरसाइज में उत्तर पूर्व राज्यों के छह एयरपोर्ट्स को चुना गया है. ये सिविल एयरफील्ड हैं, कोलकता, गुवाहटी, इंफाल, दीमापुर, पासीघाट और अंदाल. इस एक्सरसाइज का उद्देश्य फाइटर पायलट्स और वायुसैनिकों को व्यस्त एयर स्पेस में अपने फ्लाईंग ऑपरेशन्स करना है.
इस एक्सरसाइज के दौरान फाइटर पायलट सिविल एटीसी और सिविल कर्मचारियों से तालमेल कर अपने मिशन को अंजाम देंगे. इस युद्धाभ्यास में सुखोई और हॉक एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं.
आपको बता दें कि गुरूवार से भारत और जापान की वायुसेनाएं पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में साझा युद्धाभ्यास, 'शिन्यु-मैत्री' करने जा रही हैं. 23 अक्टूबर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में दोनों देश के मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं.
गौरतलब है कि थलसेना भी इन दिनों चीन सीमा से सटे अरूणाचल प्रदेश और असम के तेजपुर में हिमविजय नाम की एक्सरसाइज कर रही है. इस एक्यरसाइज में थलसेना की माउंटेन स्ट्राइक कोर हिस्सा ले रही है, जिसमें हाल ही में इंटीग्रेटेड बैटेल ग्रुप बनाए गए हैं.
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