Indians in US: क्या भारतीयों का अपने ही देश से हो रहा मोहभंग? एक साल में 66000 लोग बने अमेरिकी नागरिक
Indian American Population: अमेरिका क्षेत्रफल की लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा देश है. इसकी कुल आबादी 33 करोड़ है. दुनियाभर से लोग नौकरी और पढ़ाई के लिए यहां आते हैं.
Indians in America: भारत से हर साल लाखों लोग अमेरिका का रुख कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर नौकरी या पढ़ाई के लिए वहां जाते हैं. हालांकि, ये भारतीय आगे चलकर यूएस में ही बस जाते हैं और अमेरिका की नागरिकता ले लेते हैं. अमेरिकी कांग्रेस की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 65,960 भारतीय आधिकारिक तौर पर अमेरिकी नागरिक बन गए हैं. मेक्सिको के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां के लोग सबसे ज्यादा अमेरिकी नागरिक बने हैं.
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अमेरिकी सामुदायिक सर्वे डेटा के मुताबिक, अमेरिका में 2022 में 4.6 करोड़ विदेशों में पैदा हुए लोग रह रहे थे. देश की आबादी में इनकी हिस्मेदारी 14 फीसदी है. इसमें से 2.45 करोड़ यानी लगभग 53 फीसदी ने खुद को नेचुरलाइज्ड नागरिक बताया. नेचुरलाइज्ड नागरिक उन्हें कहा जाता है, जिनका जन्म अमेरिका में तो नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने आगे चलकर यहां की नागरिकता हासिल की. बता दें कि अमेरिका की कुल आबादी 33.3 करोड़ है.
अमेरिकी रिपोर्ट में दी गई नेचुरलाइज्ड नागरिकों की जानकारी
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 15 अप्रैल को जारी हुई लेटेस्ट 'यूएस नेचुरलाइजेशन पॉलिसी' रिपोर्ट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022 में स्वतंत्र कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस के मुताबिक, 9,69,380 लोग नेचुरलाइज्ड अमेरिकी नागरिक बने. इसमें बताया गया, "नेचुरलाइज्ड नागरिक बनने वाले लोगों में मेक्सिको के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा रही. उनके बाद भारत, फिलीपींस, क्यूबा और डॉमिनिकन रिपब्लिक के लोगों का नंबर था."
किस देश के कितने लोग बने अमेरिकी नागरिक?
कांग्रेशनल रिपोर्ट में बताया गया कि 2022 में मेक्सिको के 1,28,878 नागरिकों को अमेरिका की नागरिकता मिली. इसके बाद 65,960 भारतीय अमेरिकी नागरिक बने. फिलीपींस के 53,413, क्यूबा के 46,913, डॉमिनिकन रिपब्लिक के 34,525, वियतनाम के 33,246 और चीन के 27,038 लोगों को अमेरिका की नागरिकता हासिल हुई.
रिपोर्ट में बताया कि 2023 में विदेशों में पैदा हुए अमेरिकी नागरिकों में से 1.6 करोड़ मेक्सिको से थे. इसके बाद 28 लाख भारत से आने वाले लोग थे. तीसरे नंबर पर चीन के 22 लाख नागरिक ऐसे थे, जिनका जन्म को चीन में हुआ, लेकिन वो अमेरिकी नागरिक बन गए. अमेरिका में 49 लाख लोग ऐसे हैं, जो भारतीय हैं या फिर उनकी जड़ें भारत से हैं.
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