शिकागो: दुनियाभर में जानलेवा कोरोना वायरस का कहर अभी भी बरकरार है. इस वायरस ने सबसे ज्यादा कहर अमेरिका जैसे शक्तिशादी देश पर बरपाया. पिछले साल इस वायरस से लोगों को बचाने के लिए भारत-अमेरिका, ब्रिटेन समेत तमाम बड़े देशों ने लॉकडाउन की घोषणा की. ऐसे में कई लोग दूसरे देशों में फंस गए. अब इसी तरह का एक ऐसा अजीब मामला सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया है.


कोरोना महामारी का था डर- आदित्य


शिकागो ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, भारत के रहने वाले 36 साल के आदित्य सिंह पिछले तीन महीनों से बिना किसी को जानकारी दिए अमेरिका के शिकागो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर छिपे रहे. इस बात का खुलासा होने के बाद अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में आदित्य ने बताया है, ‘’मैं महामारी के दौरान यात्रा करने से डर रहा था, इसलिए मैं शिकागो एयरपोर्ट में ही रहने लगा.’’ आदित्य 19 अक्टूबर को लॉस एंजीलिस से शिकागो एयरपोर्ट पहुंचे थे.


कैसे हुआ खुलासा?


दरअसल जब एयरलाइन स्टाफ में से एक शख्स ने आदित्य से अपनी पहचान बताने के लिए कहा तो उनकी चोरी पकड़ी गई. आदित्य ने अपनी पहचान के लिए एक फर्जी बैज दिखाया. जब स्टाफ ने ये बैच देखा तो वह चौंक गए, क्योंकि ये बैज एक ऑपरेशन मैनेजर का था, जो अक्टूबर में खो गया था.


गिरफ्तारी के बाद आदित्य को कोर्ट के सामने पेश किया गया. सुनवाई के दौरान एसिस्टेंट स्टेट अटॉर्नी कैथलीन हेगर्टी (वकील) ने बताया कि आदित्य कोरोना की वजह से घर जाने से डर रहे थे और उन्होंने बाकी यात्रियों से मांगकर खाना खाया. साथ ही लोगों से पैसे मांगकर तीन महीनों तक अपना गुजारा किया. वकील की इस बात पर जज ने भी हैरानी जताई.


शख्स पर गैरकानूनी तरीक़े से रहने और चोरी का लगा आरोप


असिस्टेंट पब्लिक डिफेंडर कर्टनी (अन्य वकील) स्मॉलवुड ने कोर्ट को बताया कि आदित्य लॉस एंजिल्स में रहते हैं और उनका कोई अपराधिक बैकग्राउंड नहीं है. बता दें कि आदित्य पर एयरपोर्ट में गैरकानूनी तरीक़े से रहने और चोरी का आरोप लगाया गया है. एयरपोर्ट अथोरिटी ने ने अपनी जांच में पाया है कि शख्स ने एयरपोर्ट और यात्रियों की सुरक्षा के लिए किसी तरह का कोई ख़तरा पैदा नहीं किया.


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