नेवी और IAF अमेरिकी नौसेना के साथ हिंद महासागर में करेंगी युद्धाभ्यास, सुखोई- जगुआर के साथ एवैक्स टोही विमान भी लेंगे हिस्सा
भारतीय वायुसेना की तरफ से सुखोई और जगुआर फाइटर जेट्स के अलावा एवैक्स टोही विमान और रिफ्यूलर्स हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, अमेरिकी नौसेना की तरफ से 'रोनाल्ड रीगन' कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिस्सा ले रहा है.
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना पहली बार अमेरिकी नौसेना के साथ हिंद महासागर में सामरिक महत्व की एक बड़ी एक्सरसाइज करने जा रही है. दो दिवसीय (23-24 जून) ये नौसैन्य अभ्यास हिंद महासागर में किया जाएगा. भारतीय वायुसेना की तरफ से सुखोई और जगुआर फाइटर जेट्स के अलावा एवैक्स टोही विमान और रिफ्यूलर्स हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, अमेरिकी नौसेना की तरफ से 'रोनाल्ड रीगन' कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिस्सा ले रहा है.
भारतीय वायुसेना के मुताबिक, अमेरिका के साथ 'स्ट्रेटेजिक आउटरीच एक्सरसाइज' त्रिवेंद्रम स्थित दक्षिणी कमान के जिम्मेदारी-क्षेत्र में होने जा रही है. लेकिन इस युद्धाभ्यास में वायुसेना की चार कमान से फाइटर जेट्स और टोही विमान हिस्सा ले रहे हैं. एक्सरसाइज भी त्रिवेंद्रम से सटे समंदर में की जाएगी.
वायुसेना के मुताबिक, अमेरिकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप में एयरक्राफ्ट कैरियर, यूएसएस रोनाल्ड रीगन के अलावा मिसाइल डेस्ट्रोयर, यूएसएस हैलसे और गाईडेट मिसाइल क्रूजर, यूएसएस सिलो हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा 'रोनाल्ड रीगन' पर तैनात एफ-18 होर्नेट फाइटर जेट्स और टोही विमान, ईटूसी हॉकआई हिस्सा लेंगे.
इसके अलावा कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, 'रोनाल्ड रीगन' भारतीय नौसेना के साथ भी पैसेज-एक्सरसाइज करेगी. इस पैसेज एक्सरसाइज में भारतीय नौसेना के आईएनएस कोच्चि और तेग युद्धपोत हिस्सा लेंगे. युद्धभ्यास में नौसेना के मिग-29के फाइटर जेट्स और पी8आई टोही विमान हिस्सा लेंगे.
नौसेना के मुताबिक, एक्सरसाइज के दौरान 'वॉर फाइटिंग स्किल्स' को तो आजमाया जाएगा ही, साथ ही हिंद महासागर में शांति कायम रखने के लिए भारत और अमेरिका की नौसेनाएं 'इंटरोऑपरेबेलिटी' यानि परस्पर सहयोग पर काम करेगी.
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