Indian Force: इंडियन आर्मी की सीनियर लीडरशिप में सोमवार (01 जनवरी) को बड़ा बदलाव किया गया. लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने कोलकाता स्थित महत्वपूर्ण राइजिंग सन ईस्टर्न कमांड का कार्यभार संभाला. उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता की जगह ली. इससे पहले आरसी तिवारी पूर्वी कमान के तहत उत्तर भारत इलाके और दीमापुर स्थित 3 कोर की कमान संभाल रखी थी. इसे स्पीयर कोर के रूप में भी जाना जाता है.


ईस्टर्न कमांड भारतीय सेना की छह ऑपरेशनल कमांडों में से एक है. ये सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के इलाकों सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के 1,346 किलोमीटर के एरिया को मैनेज करती है. इसके अलावा सेना में एक और परिवर्तन देखने को मिला. लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत पाल सिंह ने मथुरा में मुख्यालय वाले सुदर्शन चक्र कोर (19 कोर) की कमान संभाली. उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल विपुल सिंघल की जगह ली. ये कोर एक क्रूशियल स्ट्राइक फॉर्मेशन है.


भारतीय नौसेना में ये अधिकारी बदले


भारतीय नौसेना की अगर बात करें तो पीआईबी के मुताबिक, वाइस एडमिरल बी शिवकुमार ने 01 जनवरी 24 को युद्धपोत उत्पादन और खरीद नियंत्रक के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (70वें कोर्स) के छात्र रहे वाइस एडमिरल बी शिवकुमार को 01 जुलाई 1987 को भारतीय नौसेना में एक इलेक्ट्रिकल ऑफिसर के रूप में कमीशन किया गया था.


उन्होंने आईआईटी चेन्नई से इंजीनियरिंग और उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन में मास्टर डिग्री हासिल की है. फ्लैग ऑफिसर ने नौसेना और कमान मुख्यालय, डॉकयार्ड और प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में स्टाफ और मटेरियल शाखा में विभिन्न महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर कार्य किया है.


इसके अलावा वाइस एडमिरल किरण देशमुख ने मैटरियल प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला है. वाइस एडमिरल देशमुख वीजेटीआई, मुंबई विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं और उन्‍हें 31 मार्च 1986 को भारतीय नौसेना में एक इंजीनियर अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था. उनके पास इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री है और वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से पोस्ट ग्रेजुएट हैं.


फ्लैग ऑफिसर देशमुख ने नौसेना मुख्यालय में स्टाफकार्मिक और मैटरियल शाखा, परीक्षण एजेंसियों, मैटरियल संगठन, नौसेना डॉकयार्ड और एचक्यूईएनसी में कमांड स्टाफ के रूप में महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर भी कार्य किया है. देशमुख ने विभिन्न पदों पर राजपूत क्लास, दिल्ली क्लास और तेग क्लास के फ्रंटलाइन जहाजों पर भी कार्य किया है.  


[पीआईबी से इनपुट के साथ]


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