Indian Army: थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे दो दिन के हिमाचल और उत्तराखंड दौरे पर हैं. दो दिन के सेंट्रल सेक्टर के दौरे के दौरान जनरल पांडे पूरी तरह से चीन से सटी एलएसी के उन इलाकों का दौरा कर रहे हैं जहां अभी चीन से कम तनातनी है लेकिन तनाव बरकरार है.
जानकारी के मुताबिक थलसेना प्रमुख ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल यानि एलएसी का दौरा किया. इस दौरान उन्होनें एलएसी पर भारतीय सेना की फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा कर ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया. सेना के वरिष्ठ कमांडर्स ने जनरल पांडे को मौजूदा हालात के बारे में ब्रीफिंग दी. इस दौरान सेना प्रमुख ने बॉर्डर एरिया में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के काम की भी समीक्षा की. सेना के साथ साथ जनरल पांडे ने आईटीबीपी के जवानों से भी मुलाकात की.
सेना ने अपनी फॉर्मेंशन में क्या बदलाव किया है?
आपको बता दें कि गलवान घाटी की हिंसा के बाद सेना ने चीन से सटी एलएसी पर अपनी फॉर्मेंशन में बड़ा बदलाव किया है. हिमाचल प्रदेश को अब उत्तराखंड के साथ सेंट्रल सेक्टर का हिस्सा बना दिया है. लखनऊ स्थित मध्य कमान (सेंट्रल कमांड) की जिम्मेदारी अब हिमाचल से सटी एलएसी की सुरक्षा की है. पहले ये जिम्मेदारी एक इंडीपेंडेट ब्रिग्रेड के पास थी. लेकिन पूर्वी लद्दाख में चीन की पीएलए सेना की आक्रमक कारवाई को देखते हुए सेना ने ये बदलाव किया है.
किस रास्ते से मानसरोवर यात्रा को जाते हैं तीर्थयात्री?
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को थलसेना प्रमुख उत्तराखंड से सटी एलएसी का दौरा करेंगे. उत्तराखंड में एलएसी पर दो इलाकों को लेकर भारत का चीन से बड़ा विवाद है. पहला है चमोली जिले का बाराहोती जहां चीनी सेना समय-समय पर आकर घुसपैठ करने की कोशिश करती है. दूसरा है, नेपाल ट्राईजंक्शन पर लिपूलेख. लिपूलेख के जरिए ही भारतीय तीर्थयात्री मानसरोवर यात्रा के लिए जाते हैं. हाल ही में यहां पर भारतीय सेना ने यात्रियों के लिए कुछ अस्थायी पड़ाव तैयार किए थे जिन्हें चीनी सैनिकों ने तोड़ दिया था.
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