नए हेलिकॉप्टर्स, आर्म्ड ड्रोन और मिसाइलें... चीन-पाकिस्तान की चुनौती के बीच सेना को मिलेगा 'बूस्ट', बेड़े में शामिल होंगे ये हथियार
Indian Army News: सीमा पर चीन और पाकिस्तान की हरकतों पर कड़ी नजर रखने के लिए भारतीय सेना को लगातार अडवांस्ड किया जा रहा है. इसके तहत उसे नए हथियार दिए जा रहे हैं.
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Indian Army: भारतीय सेना धीरे-धीरे अपनी एविएशन कॉर्प्स की हमला, निगरानी और एयरलिफ्ट करने क्षमताओं को बढ़ा रही है. 126 लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर्स, 90 प्रचंड लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स, 6 हेवी-ड्यूटी अपाचे गनशिप और 25 अडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स को भारतीय सेना में शामिल करने की योजना बन रही है. इसके अलावा सैटकॉम-इनेबल्ड हथियारबंद ड्रोन और हवा से लॉन्च होने वाली हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों को शामिल करने की योजना भी चल रही है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आर्मी एविएशन कॉर्प्स (AAC) अब अतिरिक्त इंटीग्रेटेड एविएशन ब्रिगेड को स्थापित करने की योजना भी बना रही है. पिछले तीन सालों से भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध को देखते हुए इस तरह के तीन एविएशन ब्रिगेड स्थापित किए जा चुके हैं. इसमें दो ब्रिगेड को चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात किया गया है. इसके अलावा एक ब्रिगेड पाकिस्तान के लगने वाली पश्चिमी फ्रंट पर तैनात है.
2027 तक पुराने हेलिकॉप्टर्स कर दिए जाएंगे रिटायर
सेना में नए हेलिकॉप्टर्स के शामिल होने के साथ ही इसके चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स रिटायर हो जाएंगे. रिटायरमेंट की प्रक्रिया 2027 से शुरू होगी. एक अधिकारी ने बताया, 'तब तक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर्स (एलयूएच) की डिलीवरी शुरू कर देगी. चीता/चेतक हेलिकॉप्टर के बेड़े को रिप्लेस करने का प्रोसेस 10 से 12 सालों तक चलने वाला है. कुछ हेलिकॉप्टर्स लीज पर दिए जाएंगे. कुल मिलाकर एविएशन कॉर्प्स को 250 एलयूएच की जरूरत है.'
सेना को मिलेंगे ये हथियार
एविएशन कॉर्प्स में हाल ही में इजरायली हेरॉन मार्क-2 ड्रोन्स शामिल कए गए हैं, जो हवा में 35 घंटों तक रह सकते हैं. इनके जरिए एलएसी पर रणनीतिक निगरानी हो रही है. इन ड्रोन्स को मिसाइलों और स्मार्ट बमों से भी लैस किया जा सकता है. एएसी को अगले साल की शुरुआत में नए इजरायली हर्मीस 900 स्टारलाइनर रिमोटली ऑपरेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम भी मिलेंगे. इस वित्तीय वर्ष में अमेरिका के साथ प्रीडेटर-बी ड्रोन्स को लेकर भी समझौता किया जाएगा.
प्रोजेक्ट चीता के तहत 80-90 इजरायली हेरॉन-आई यूएवी ड्रोन्स में से आधे के लिए 3500 करोड़ रुपये का अपग्रेड प्रोग्राम है. ये ड्रोन्स लेजर गाइडेड बम और हवा से जमीन पर मार करने वाली एंटी-टैंक मिसाइलों के साथ-साथ अडवांस्ड सैटकॉम क्षमताओं से लैस होंगे. अगले साल की शुरुआत में अमेरिका से आने वाले छह अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर्स को भी सेना में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा सेना में 90 प्रचंड हेलिकॉप्टर्स भी शामिल होंगे.
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