Counter Terrorism: क्या है अल्पाइन क्वेस्ट ऐप? जिसे हथियार बना आतंकियों ने बढ़ाई सुरक्षाबलों की टेंशन, ऑफलाइन भी करती है काम
Jammu And Kashmir: भारतीय सेना जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों की ओर से आधुनिक तकनीकी उपकरणों के इस्तेमाल का सामना कर रही है. सुरक्षा एजेंसियों की जांच में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी के संकेत मिले.

Military Technology: सीमापार से आतंकवाद और उग्रवाद के मामलों के अलावा भारतीय सेना अब जम्मू और कश्मीर में एक नई तकनीकी लड़ाई लड़ रही है. सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की ओर से की गई एक लंबी जांच में ये सामने आया कि अब अधिकांश आतंकवादी समूह अपने ऑपरेशनों के लिए आधुनिक गैजेट्स और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं. 2022 से कश्मीर घाटी, चिनाब घाटी और पीर पंजाल रेंज में आतंकवादी गतिविधियों में एक चौंकाने वाली बढ़ोतरी हुई है.
हाल ही में पाकिस्तान की सेना ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों को एक नए ऐप 'अल्पाइन क्वेस्ट' से लैस किया है. ये ऐप ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की मदद के बिना आतंकवादियों को ऊपरी इलाकों में काम करने में मदद करता है. इस ऐप का ऑफलाइन वर्जन भी काम करता है जो जीरो मोबाइल कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आतंकवादियों को सहारा प्रदान करता है.
कठुआ और डोडा मुठभेड़ों में नया ऐप मिला
पुलिस और सुरक्षा बलों की ओर से कठुआ और डोडा मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों के मोबाइल फोन के विश्लेषण में इस ऐप का इस्तेमाल पहली बार देखा गया था. पाकिस्तानी सेना ने इस ऐप का इस्तेमाल करके आतंकवादियों को सुरक्षा बलों से बचने में मदद दी खासकर सुरक्षा बलों के शिविरों, नाकों और चेक-पॉइंट्स के डेटा को इस ऐप में शामिल किया गया था.
ट्रैकिंग और कम्युनिकेशन के नए तरीके
आतंकवादी अब नए तरीकों से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. वे पाकिस्तान में सर्वर वाले अत्यधिक एन्क्रिप्टेड अल्ट्रा रेडियो संचार उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं जिससे उनका संचार सुरक्षा बलों के लिए रोकना या डिकोड करना मुश्किल हो जाता है. इन उपकरणों के माध्यम से आतंकवादी कुपवाड़ा, अनंतनाग जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में सुरक्षित संचार कर रहे हैं.
सुरक्षा बलों के ऑपरेशनों में कई आतंकवादी मारे गए
आतंकवादियों की इस नई लहर के खिलाफ सुरक्षा बलों की ओर से किए गए ऑपरेशनों में कई आतंकवादी मारे गए हैं. आतंकवादी अब उच्च मूल्य वाले लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और आम जनता में डर फैलाने के लिए हमले के वीडियो का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. भारतीय सेना और पुलिस अब इन अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों के खिलाफ रणनीतियों को और सशक्त बना रहे हैं.
जम्मू क्षेत्र के अलग-अलग जिलों में आतंकवादियों की आवाजाही
पिछले कुछ समय में जम्मू क्षेत्र के कठुआ, उधमपुर, किश्तवाड़, डोडा, रियासी, पुंछ और राजौरी जिलों में आतंकवादियों की आवाजाही देखी गई है. इनमें से अधिकांश आतंकवादी पाकिस्तानी हैं. सुरक्षा बलों ने इन इलाकों में नाकेबंदी और नियमित गश्त कर अपनी स्थिति को मजबूत किया है साथ ही उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक्टिव आतंकवादियों पर नकेल कसने के लिए प्रयास जारी है.
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