सर्जिकल स्ट्राइक: पाकिस्तान के कुत्तों को खामोश करने के लिए तेंदुए के यूरिन का हुआ था इस्तेमाल
जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना कैंप पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक को बेहद गुप्त तरीके से अंजाम दिया था.
नई दिल्ली: पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 29 सितंबर 2016 को किए गए सर्जिकल स्ट्राइक पर एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने बड़ा दावा किया है. नगरोटा कॉर्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र निंबोरकर ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान कुत्ता न भौंके इसके लिए तेंदुए के मूत्र (यूरिन) का इस्तेमाल किया था.
उन्होंने कल पुणे में एक कार्यक्रम में कहा, ''रणनीति बनाते वक्त हमको पता था कि गांवों से निकलते वक्त कुत्ता भौंक सकता है. हम जानते थे कि कुत्ता तेंदुआ से डरता है. इसलिए हमने पास में तेंदुए का मल-मूत्र रखा और इसका इस्तेमाल किया. इसलिए कुत्ता आसपास नहीं आया.''
There was a possibility of dogs in villages barking at us on the route. I knew they are scared of leopards. We carried leopard urine with us & that worked & dogs didn't dare to come forward: Lt General RR Nimbhorkar, Former Nagrota (J&K) Corps Commander on Surgical Strike (11.09) pic.twitter.com/rHRMUeIBZi
— ANI (@ANI) September 12, 2018
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना कैंप पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक को बेहद गुप्त तरीके से अंजाम दिया था. सेना ने सीमा पार कर आतंकियों के लॉन्चिंग पैड्स तबाह कर दिये थे और कई आतंकियों को ढेर कर दिया था.
सर्जिकल स्ट्राइक के समय रक्षामंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने दावा किया था कि सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सबसे बड़ी बात गोपनीयता है. सिर्फ हम चार जानते थे. प्रधानमंत्री, मैं, सेना प्रमुख और सैन्य संचालन महानिदेशक. हम चारों दिल्ली में थे और कोर कमांडर व सेना के कामांडर और जिन्होंने इसे क्रियान्वित किया वे श्रीनगर में थे. हमें इसके लिए शीघ्र तैयारी करनी पड़ी, क्योंकि इन चीजों को मौके पर नहीं किया जा सकता है.