Army Chief Press Conference: सेना दिवस से पहले गुरुवार (12 जनवरी) को राजधानी दिल्ली में सालाना प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा कि जोशीमठ में भारतीय सेना की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें आई हैं. एहतियात के तौर पर इन इमारतों में रहने वाले सैनिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है.


जनरल पांडे के मुताबिक, जोशीमठ से चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) की तरफ जाने वाली सड़क को मामूली नुकसान हुआ है, जिसकी मरम्मत बीआरओ कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे ऑपरेशनल तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर सिविलियंस को जरूरत हुई तो सेना की लोकेशन को सामान्य नागरिकों के लिए खोल दिया जाएगा.


जोशीमठ के दौरे पर गए थे अजय भट्ट
आपको बता दें कि दो दिन पहले रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट खुद जोशीमठ के दौरे पर गए थे और सेना के फील्ड कमांडर्स से इन दरारों के बारे में फर्स्ट-हैंड जानकारी ली थी. इसके अलावा उन्होंने बीआरओ के अधिकारियों से भी मुलाकात की थी. जोशीमठ में भारतीय सेना का ब्रिगेड मुख्यालय है, जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड के गढ़वाल-क्षेत्र से सटी चीन सीमा की है. इसके अलावा जोशीमठ से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर औली में सेना ने अपना पहला हाई एल्टीट्यूड फॉरेन ट्रेनिंग नोड तैयार किया है, जो मित्र-देशों की सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास के लिए इस्तेमाल किया जाता है.


चीन की सेना करती थी घुसपैठ की कोशिश
एक महीने पहले यानी दिसंबर 2022 में भारतीय सेना ने अमेरिका की सेना के साथ औली में पहला युद्धाभ्यास किया था. इसके चलते जोशीमठ के आसपास सेना और आईटीबीपी की बड़ी मौजूदगी है. जोशीमठ का बाड़ाहोती इलाका भी यहां से महज 45 किलोमीटर पर है जो भारत और चीन के बीच एक विवादित इलाका है और डी मिलिट्राइज जोन घोषित किया हुआ है. कुछ साल पहले तक चीन की सेना और हेलीकॉप्टर इस इलाके में घुसपैठ की कोशिश करते आए थे. यही वजह है कि एलएसी तक सैनिकों का तेजी से मूवमेंट बेहद जरूरी है.


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