Indian Army: महाभारत से सीखकर अजेय बनेगी भारतीय सेना, आर्मी चीफ बोले- वेद, पुराणों की कर रही स्टडी
Indian Army News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अक्टूबर 2023 में भारतीय सैन्य विरासत उत्सव में 'प्रोजेक्ट उद्भव' को लॉन्च किया था. इसे भारतीय सेना और यूएसआई के सहयोग से तैयार किया गया है.
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Indian Army War Tactics: भारतीय सेना महाभारत की लड़ाइयों और मौर्य, गुप्त एवं मराठों की रणनीतिक ताकतों के बारे में पता लगा रही है, जिन्हें लेकर कहा जाता है कि इन लड़ाइयों ने भारत की समृद्ध सैन्य विरासत को आकार दिया है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार (21 मई) को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ऐसा 'प्रोजेक्ट उद्भव' नाम की एक पहल के रूप में किया जा रहा है. इसका मकसद ऐतिहासिक सैन्य ज्ञान के जरिए सेना को भविष्य के लिए तैयार करना है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना प्रमुख मनोज पांडे 'भारतीय सामरिक संस्कृति में ऐतिहासिक पैटर्न' नामक एक सम्मेलन में बोल रहे थे, जिसका आयोजन 1870 में स्थापित भारत के सबसे पुराने थिंक-टैंक यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन (यूएसआई) ने किया था. यहां उन्होंने 'प्रोजेक्ट उद्भव' को लेकर बात की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'प्रोजेक्ट उद्भव' को पिछले साल लॉन्च किया था, जिसका मकसद महाभारत, वेद, पुराण, उपनिषद और अर्थशास्त्र से सीख लेना था.
'प्रोजेक्ट उद्भव' के तहत वेदों की हुई स्टडी: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख ने कहा, "इस प्रोजेक्ट ने मशहूर भारतीय और पश्चिमी विद्वानों के बीच बौद्धिक समानता के बारे में भी बताया है." उन्होंने कहा, "इस प्रोजेक्ट में वेदों, पुराणों, उपनिषदों और अर्थशास्त्र जैसे प्राचीन ग्रंथों का गहराई से स्टडी की गई है, जो परस्पर जुड़ाव, धार्मिकता और नैतिक मूल्यों पर आधारित हैं."
भारतीय ज्ञान 5000 साल पुरानी सभ्यता की विरासत से जुड़ा हुआ: सेना प्रमुख
जनरल मनोज पांडे ने कहा, "प्राचीन भारतीय ज्ञान 5,000 साल पुरानी सभ्यता की विरासत में निहित है, जहां ज्ञान के साथ अत्यधिक मूल्य जोड़ा गया है. इस विरासत के बारे में हमें देश के बौद्धिक साहित्य के एक विशाल भंडार के जरिए भी मालूम होता है. इसके अलावा पांडुलिपियों का दुनिया का सबसे बड़ा संग्रह और विभिन्न क्षेत्रों में थिंकर्स और स्कोलर्स की संख्या भी हमें अपनी विरासत के बारे में बताती हैं."
सेना प्रमुख ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में वेदों, पुराणों, उपनिषदों और अर्थशास्त्र जैसे प्राचीन ग्रंथों की गहराई से स्टडी हुई है, जो परस्पर जुड़ाव, धार्मिकता और नैतिक मूल्यों पर आधारित हैं. उन्होंने कहा, "इसके अलावा, प्रोजेक्ट में महाभारत की महाकाव्य लड़ाइयों और मौर्य, गुप्त एवं मराठों के शासनकाल के दौरान रणनीतिक प्रतिभा का पता लगाया गया है, जिसने भारत की समृद्ध सैन्य विरासत को आकार दिया है."
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