आर्मी चीफ एम.एम. नरवणे छह दिवसीय यात्रा पर मंगलवार (8 दिसंबर) को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए ताकि रक्षा सहयोग और सुरक्षा संबंधों को मजबूत किया जाए.  किसी भी भारतीय आर्मी चीफ का इन दोनों ही खाड़ी देशों का यह पहला दौरा है. आर्मी चीफ की तरफ से यूएई और सऊदी अरब का दौरा ऐसे वक्त पर किया जा रहा है जब हाल के महीने में उसके पारंपरिक करीबी नजदीकी रहे पाकिस्तान के साथ उनके रिश्तों में काफी खटास आई है. यूएई अपने संबंधों को इजरायल के साथ भी सामान्य कर रहा है और सऊदी अरब के साथ ही वह जल्द ऐसा ही करेगा.


आर्मी चीफ जनरल नरवणे दोनों देशों के सैन्य और राजनैतिक शीर्ष नेतृत्व से बात करेंगे ताकि सैन्य संबंधों को मजबूत किया जाए. इसके साथ ही वह रक्षा प्रतिष्ठानों और अकादमियों का दौरा करेंगे. यूएई के दौरे के बाद वह 13 और 14 दिसंबर को सऊदी अरब में रहेंगे.


क्यों अहम है ये दौरा?


भारतीय आर्मी चीफ की तरफ से मंगलवार को जारी बयान में यह कहा गया- आर्मी चीफ जनरल एम.एम. नरवणे के दोनों देशों के दौरे का मकसद दोनों देशों के साथ देश के सामरिक और रक्षा सहयोग को मजबूत करना है. दरअसल, भारत का ऐताहिसिक रूप से खाड़ी देशों के साथ करीबी रिश्ते रहे हैं क्योंकि वह इस क्षेत्र से काफी मात्रा में तेल का आयात करता है. सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है. चीन, अमेरिका और जापान के बाद सऊदी अरब ही वह देश है जिसके साथ बड़ी मात्रा में ट्रेड होता है और वह ऊर्जा का बड़ा स्त्रोत है. भारत यहां से अपने कुल कच्चे तेल की जरूरतों का करीब 18 फीसदी यहीं से आयात करता है.


पीएम का हाल के दिनों में यूएई पर फोकस


लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से मोदी सरकार ने सुरक्षा और रक्षा संबंधों को बढ़ाने खासकर यूएई के साथ, पर जोर दिया है. अलजजीर के साथ बात करते हुए नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर हैप्पीमोन जैकब ने कहा- आर्मी चीफ नरवणे का यूएई और सऊदी अरब का दौरा सुरक्षा साझीदार का दायरा बढ़ाने के नई दिल्ली की लाइन पर आधारित है.


खाड़ी क्षेत्र में 85 लाख हैं भारतीय कामगार


खाड़ी क्षेत्र 85 लाख भारतीय कामगारों का घर भी है. इनमें से करीब 27 लाख लोग सऊदी अरब में रह रहे हैं और यूएई की कुल आबादी का करीब 30 फीसदी वहां पर भारतीय ही है. हाल के वर्षों में यूएई और सऊदी अरब पारंपरिक तौर पर भारत के दुश्मन पाकिस्तान का बेहद करीबी हुआ करता था, लेकिन अब वह नई दिल्ली को गर्मजोशी के साथ स्वागत कर रहा है.


दोनों ही देशों ने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से पीएम मोदी का नवाजा, जो नई दिल्ली के साथ अपने व्यवसाय को बढ़ाने की उसकी इच्छा का संकेत है. यूएई और सऊदी अरब की तरफ से 42 बिलियन डॉलर का महाराष्ट्र में पेट्रोकैमिकल प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, क्योंकि वह मानता है कि भारत ऊर्जा का एक प्रमुख उपभोक्ता देश है.


यूएई और सऊदी अरब ने कश्मीर पर साधी चुप्पी


पिछले साल नई दिल्ली ने अगस्त के महीने में कश्मीर को दिया विशेष दर्जा खत्म कर दिया था. सऊदी अरब और यूएई ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध ली. इसकी वजह से पाकिस्तान भड़क उठा. पिछले साल यूएई ने 13 देशों को वर्क और टूरिस्ट वीजा जारी करना बंद कर दिया था, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल था.