'गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के बीच आई विश्वास में कमी, कोई बड़ा टकराव भी नहीं'
अनिल चौहान ने कहा कि लद्दाख में टकराव के बाद से पूर्वी कमान क्षेत्र में कोई बड़ी घुसपैठ या टकराव नहीं हुआ है. गलवान की घटना ने हमारे और चीनी सेना के बीच LAC पर आपसी विश्वास में कमी लाने का काम किया है.
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. दोनों देशों के बीच पिछले कई महीनों से टकराव बना हुआ था. वहीं भारत की ओर से लगातार चीन पर घुसपैठ करने के आरोप भी लगाए जा रहे थे. इस बीच भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि लद्दाख गतिरोध के बाद से पूर्वी कमान इलाके में कोई घुसपैठ या बड़ा टकराव देखने को नहीं मिला है.
विजय दिवस के मौके पर नई दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल में पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में जून में हुई झड़प के बाद विश्वास गायब हो गया. अनिल चौहान ने कहा कि विश्वास को फिर से बनने में समय लगेगा.
स्थिर होने में लगेगा वक्त
अनिल चौहान ने कहा, 'मैं यह कहना चाहूंगा कि लद्दाख में टकराव के बाद से पूर्वी कमान क्षेत्र में कोई बड़ी घुसपैठ या टकराव नहीं हुआ है. गलवान की घटना ने हमारे और चीनी सेना के बीच LAC पर आपसी विश्वास में कमी लाने का काम किया है और इसे स्थिर होने में वक्त लगेगा.'
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने लद्दाख संकट के दौरान कुछ एहतियाती तैनाती की थी, जिसमें अब सर्दी के कारण कटौती की जा रही है. हालांकि चौहान ने जोर देते हुए ये बात भी कही कि भारतीय सेना सर्दियों के दौरान किसी भी चुनौती को हराने के लिए तैयार है.
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